ऐसी खबरें थीं कि फूड एग्रीगेटर Zomato, 2 अरब डॉलर में बी2बी लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप शिपरॉकेट (Shiprocket) का अधिग्रहण करना चाहती है। लेकिन Zomato सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी की ऐसी कोई मंशा नहीं है। Zomato का ध्यान अपने मौजूदा व्यवसायों पर है। गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमने देखा है कि मेनस्ट्रीम मीडिया में कुछ न्यूज आर्टिकल इस विषय पर पब्लिश हो रहे हैं कि Zomato ने 2 अरब डॉलर में शिपरॉकेट का अधिग्रहण करने की पेशकश की है। हम इस खबर का खंडन करते हैं और निवेशकों को मार्केट में फैली इस गलत खबर के प्रति आगाह करते हैं।'
गोयल ने कहा कि Zomato का ध्यान अपने मौजूदा व्यवसायों पर केंद्रित है और फिलहाल किसी अधिग्रहण की कोई योजना नहीं है। उन्होंने लिखा, "कृपया ध्यान दें कि न्यूज आर्टिकल में उल्लिखित सौदे के बड़े आकार और इससे बाजार में पैदा होने वाली अनिश्चितता को देखते हुए, कंपनी अत्यधिक सावधानी से इस जानकारी को स्पष्ट कर रही है।"
जहां तक जोमैटो के शेयर की बात है तो 22 दिसंबर को कीमत में 2 प्रतिशत की मजबूती देखी जा रही है। शिपरॉकेट, अपैरल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी और पर्सनल केयर, किराना जैसी श्रेणियों में डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांड्स और ओमनीचैनल विक्रेताओं को शिपिंग और फुलमिफलमेंट सर्विसेज प्रदान करता है। इसमें खोज, ऑर्डर प्रबंधन, गोदाम और फुलफिलमेंट, शिपिंग, ऑर्डर ट्रैकिंग और रिटर्न सहित पेशकशें शामिल हैं।
जेफरीज ने पहले ही कहा था 'डील की संभावना नहीं'
जोमैटो की ओर से स्पष्टीकरण आने से पहले ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने एक रिपोर्ट में कहा था कि शिपरॉकेट डील की संभावना नहीं है। 2021 में निवेश के बाद, जोमैटो के पास पहले से ही इस स्टार्टअप में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जेफरीज का कहना था कि अगर डील होती है तो तो जोमैटो के शेयरों की परफॉर्मेंस 'कमजोर' हो सकती है क्योंकि पहली नजर में यह एक ऐसा अधिग्रहण लगता है, जिसमें दोनों कंपनियों के बीच कोई संबंध न हो। हालांकि, क्विक कॉमर्स और हाइपरप्योर सेगमेंट में कुछ जुड़ाव है। जेफरीज ने जोमैटो के शेयर के लिए 'बाय' रेटिंग के साथ 165 रुपये प्रति शेयर का टार्गेट प्राइस सेट किया है। per share.