एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (एलआईसीएचएफ) का सेयर बीते एक साल में करीब 22 फीसदी फिसला है। इस दौरान निफ्टी 50 ने 4 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। एलआईसी के शेयरों में FY25 की उसकी ट्रेलिंग बुक वैल्यू से नीचे ट्रेडिंग हो रही है। इसके मुकाबले कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में एक साल की फॉरवर्ड बुक वैल्यू के दोगुना से ज्यादा पर ट्रेडिंग हो रही है। सवाल है कि क्या अभी एलआईसीएचएफ के शेयरों में निवेश पर आगे अच्छी कमाई हो सकती है?
देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी
LICHF इंडिया की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) है। यह ज्यादातर सैलरीड लोगों को होम लोन देती है। इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 3,00,000 करोड़ रुपये है। इसकी कुल लोनबुक में रिटेल सेगमेंट की हिस्सेदारी करीब 95 फीसदी है। पिछले चार सालों में कंपनी के लोन डिस्बर्समेंट की CAGR 4 फीसदी रही है, लोन बुक की सीएजीआर 7 फीसदी रही है। हालांकि, FY25 में डिस्बर्समेंट की ग्रोथ 9 फीसदी रही।
लोन डिस्बर्समेंट ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस के मैनेजमेंट ने FY26 में डिस्बर्समेंट ग्रोथ कम से कम 10-12 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। कोविड के दौरान एलआईसीएचएफ की लोन ग्रोथ और एसेट क्वालिटी पर खराब असर पड़ा था। लेकिन, अब एसेट क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट दिख रहा है। हालांकि, कंपनी को FY25 में करीब 1,800 करोड़ रुपये का लोन राइट-ऑफ करना पड़ा है। FY24 में कंपनी को 2,005 करोड़ रुपये का लोन राइट-ऑफ करना पड़ा था। FY23 में यह सिर्फ 545 करोड़ रुपये था।
लोनबुक में सैलरीड क्लास की ज्यादा हिस्सेदारी
एलआईसीएचएफ की लोन बुक में इंडिविजुअल लोन की ज्यादा हिस्सेदारी है। इसमें लोन अंगेस्ट प्रॉपर्टी के मुकाबले कम रिस्क है। सैलरीड सेगमेंट की भी लोन बुक में ज्यादा हिस्सेदारी है। इसमें भी दूसरे सेगमेंट के मुकाबले रिस्क कम है। FY25 में क्रेडिट कॉस्ट 0.6 फीसदी रही, जो FY24 के 0.6 फीसदी से ज्यादा है। इस कंपनी को स्ट्रॉन्ग ब्रांड इमेज का फायदा मिलता है। इसकी पैरेंट कंपनी LIC है। इसका फायदा भी कंपनी को मिलता है। एलआईसी एचएफ का करीब 45 फीसदी लोन फ्लोटिंग रेट लोन है। इका बेंचमार्क मुख्य रूप से एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट है।
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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
LICHF के शेयर की कीमत 9 जुलाई को 604 रुपये थी। इस स्टॉक में FY27 की अनुमानित बुक वैल्यू के 0.7 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। शेयर की कीमत 660 रुपये की ट्रेलिंग बुक वैल्यू से भी कम है। इसकी पैरेंट कंपनी, स्ट्रॉन्ग ब्रांड और लोन बुक में सैलरीड लोन की ज्यादा हिस्सेदारी को देखते हुए इसकी वैल्यूएशन फॉरवर्ड वैल्यू की कम से कम 1 गुना होनी चाहिए। आगे शेयरों में तेजी की उम्मीद है। लंबी अवधि के लिहाज से इस स्टॉक में निवेश किया जा सकता है।