लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले मार्केट में मुनाफावसूली दिखी है। ट्रेडर्स नए पॉजिशन बनाने में सावधानी बरत रहे हैं। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि फिलहाल उतारचढ़ाव जारी रहेगा। ऐसे में निवेशकों को क्या करना चाहिए? मनीकंट्रोल ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए आईटीआई म्यूचअल फंड के सीआईओ राजेश भाटिया से बातचीत की। उनसे मार्केट के सेंटिमेंट के साथ ही चुनावी नतीजों के बाजार पर असर के बारे में भी पूछा। उन्होंने कहा कि फिलहाल मार्केट का सेंटिमेंट बहुत पॉजिटिव है। बाजार को मौजूदा सरकार के फिर से सत्ता में लौटने का भरोसा है। इससे मौजूदा पॉलिसी जारी रहेगी।
मार्केट का सेंटिमेंट फिलहाल मजबूत
अगर चुनाव के नतीजे (Lok Sabha Elections Results) उम्मीद से उलट रहे तो? इसके जवाब में भाटिया (Rajesh Bhatia) ने कहा कि अगर यह सरकार फिर से सत्ता में नहीं आती है तो मार्केट में 10-15 फीसदी गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, फिलहाल मार्केट का मूड पॉजिटिव है। लेकिन, बाजार का मूड तुरंत बदल सकता है। 2019 में मार्केट को अंदाजा था कि कोविड का ज्यादा असर इकोनॉमी पर नहीं पड़ेगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। 2020 में मार्केट में बड़ी गिरावट आई।
लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करने की सलाह
निवेशकों को फिलहाल क्या करना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपना निवेश बनाए रखना चाहिए। लेकिन, यह याद रखना होगा कि पिछले साल मार्केट के शानदार प्रदर्शन के बाद गिरावट का अंदेशा है। इंडियन मार्केट को दुनिया में अच्छा प्रदर्शन वाला मार्केट माना जा रहा है। इसलिए शॉर्ट टर्म के उतारचढ़ाव की जगह लंबी अवधि के निवेश पर फोकस करने की सलाह है।
निवेशकों को पॉजिशन बनाए रखने की सलाह
उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपनी पॉजिशन बनाए रखनी चाहिए। यह बुल मार्केट है और इस सरकार के दोबारा सत्ता में आने की काफी संभावना है। लेकिन, आगे रिस्क को देखते हुए डीप-आउट-ऑफ-द-मनी पुट्स खरीदना ठीक रहेगा। मार्केट के लिए दूसरे रिस्क भी हैं। मैन्युफैक्चर्ड गुड्स की डंपिंग को लेकर चीन और पश्चिमी देशों के बीच तनाव है। बढ़ते क्रूड ऑयल की कीमतों और इंटरेस्ट रेट्स को लेकर चिंता नहीं है। इसलिए इंडिया की ग्रोथ स्टोरी पर कोई असर नहीं पड़ रहा।
यह भी पढ़ें: Suzlon, Inox Wind के स्टॉक्स 43% तक उछल सकते हैं, Nuvama ने बताई यह वजह
विदेशी निवेशक शुरू कर सकते हैं खरीदारी
क्या बीजेपी के सत्ता में आने पर विदेशी निवेशक खरीदारी शुरू करेंग? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी तीसरी बार ज्यादा सीटें जीतने के बाद सरकार बनाती है तो विदेशी संस्थागत निवेशकों के पास इंडिया में खरीदारी शुरू करने की वजह होगी। इंडिया ग्लोबल मार्केट्स से पूरी तरह से अलग नहीं है। लेकिन, इकोनॉमी की अच्छी सेहत की वजह से यह मजबूत स्थिति में है।