हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के दावों को मानें तो सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की सैलरी से कई गुना ज्यादा कमाई उनकी कंसल्टिंग फर्म की होती है। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन कंसल्टिंग बिजनेस Agora Advisory का मालिकाना हक माधबी बुच के पास है। इस कंपनी में उनकी 99 फीसदी हिस्सेदारी है। इस कंसल्टिंग कंपनी की कंपनी 2 करोड़ रुपए है जो बुच की डिसक्लोज्ड सैलरी से कहीं ज्यादा है।
हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को जारी अपने सनसनीखेज खुलासे में बताया है कि इस कंपनी में जहां माधबी बुच की हिस्सेदारी 99 फीसदी है वहीं उनके पति धवल बुच इसके डायरेक्टर हैं।
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि माधबी पुरी बुच एक कंसल्टिंग फर्म Agora Advisory में 99 फीसदी हिस्सेदारी रखती हैं। इस कंपनी में उनके पति डायरेक्टर हैं। कंपनी की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, फिस्कल ईयर 2022 में इस कंपनी को कंसल्टिंग से 1.98 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। यह माधबी पुरी बुच की सेबी की होल टाइम मेंबर की सैलरी का 4.4 गुना था। आज तक इस कंपनी में 99 फीसदी हिस्सेदारी माधबी बुच की है। और उनके पति डायरेक्टर हैं।
शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में पहली बार अदाणी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी। इस कंपनी ने अब माधबी और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है कि इन्होंने उसी तरीके से ऑफशोर या विदेशी फंड में निवेश किया है जिसका इस्तेमाल विनोद अदाणी ने किया था।
हिंडनबर्ग का ये भी आरोप है कि दोनों के बीच मिलीभगत होने की वजह से ही शायद माधबी पुरी बुच ने अदाणी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर निवेशकों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
हिंडनबर्ग के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के बीच सेबी चेयरपर्सन रहते हुए माधबी बुच सिंगापुर की ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म Agora Partners की 100 फीसदी मालकिन थीं। माधबी 1 मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन बनी। और इसके दो हफ्ते के भीतर 16 मार्च 2022 को उन्होंने इस कंसल्टिंग कंपनी का मालिकाना हक पति को सौंप दिया।
माधबी बुच ने अप्रैल 2017 में सेबी की होल टाइम मेंबर बनी थीं। इसके बाद 1 मार्च 2022 को वह सेबी की चेयरपर्सन बनी थीं। सिंगापुर में मौजूद रिकॉर्ड के मुताबिक, 16 मार्च 2022 तक माधबी बुच के बाद Agora Partners की 100 फीसदी हिस्सेदारी थी।
इस कंपनी को फाइनेंशियल स्टेटमेंट डिस्क्लोज करने से पूरी छूट थी। इसलिए इस बात का पता नहीं चल पाया है कि इस कंपनी ने उनकी क्या कमाई होती थी। हिंडनबर्ग का कहना है कि चेयरपर्सन माधबी बुच की ईमानदारी को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि इस कंपनी ने उनकी कितनी कमाई होती थी।