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Gold Finance Stocks: फीके गोल्ड ने मचाई तबाही, इस कारण 5% तक टूट गया Muthoot और Manappuram Finance

Gold Finance Stocks: रिकॉर्ड हाई से गोल्ड के फिसलने की आंच स्टॉक मार्केट में भी महसूस हुई। लगातार तीन दिनों में सोने की चमक फीकी होने पर आज स्टॉक मार्केट में लिस्टेड गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए। जानिए गोल्ड के भाव क्यों फिसल रहे और इसका असर गोल्ड फाइनेंसिंग कंपनियों के शेयरों पर क्यों पड़ा?

अपडेटेड Oct 23, 2025 पर 5:05 PM
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Gold Finance Stocks: बूलियन मार्केट में मुनाफावसूली के चलते गोल्ड रिकॉर्ड हाई से फिसल गया। अपनी इस फिसलन में गोल्ड ने स्टॉक मार्केट में गोल्ड फाइनेंस स्टॉक्स को भी तोड़ दिया।

Gold Finance Stocks: बूलियन मार्केट में मुनाफावसूली के चलते गोल्ड रिकॉर्ड हाई से फिसल गया। अपनी इस फिसलन में गोल्ड ने स्टॉक मार्केट में गोल्ड फाइनेंस स्टॉक्स को भी तोड़ दिया। मुथूट फाइनेंस के शेयर इंट्रा-डे में 5.07% टूटकर BSE पर ₹3108.00 (Muthoot Finance Share Price) तक आ गए। यह लगातार तीन कारोबारी दिनों से फिसला है और इस दौरान यह करीब 7% टूट गया। इसके अलावा मणप्पुरम फाइनेंस के भी शेयर इंट्रा-डे में 2.88% टूटकर ₹277.90 पर आ गए। गोल्ड की बात करें तो इसकी चमक लगातार तीसरे दिन फीकी हुई है और इसके भाव में यह गिरावट हालिया तेजी के बाद मुनाफावसूली के चलते आई। वैश्विक स्तर पर गोल्ड अब $4000 प्रति औंस के नीचे आने की तरफ बढ़ रहा है। दिन के आखिरी में आज मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर 2.41% टूटकर ₹279.25 और मुथूट फाइनेंस के शेयर 2.94% फिसलकर 3177.70 पर बंद हुए हैं।

गोल्ड की फिसलन से गोल्ड फाइनेंस स्टॉक्स को झटका क्यों?

गोल्ड की कीमतों में गिरावट ने गोल्ड फाइनेंस कंपनियों पर तगड़ा दबाव बनाया क्योंकि कोलैटरल की वैल्यू में गिरावट आई जिससे लोन मार्जिन पर असर पड़ा। यह बड़ी वजह रही जिसके चलते गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयरों को झटका लगा। हालांकि शुरुआती मुनाफावसूली के बाद गोल्ड संभल गए और इसके बाद रिकवर होने लगे। हालांकि इसके बावजूद स्पॉट गोल्ड 0.5% कमजोर बना हुआ है।


कैसी है गोल्ड की सेहत?

एंजेल वन के चीफ टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटीज एंड करेंसीज) तेज शिगरेकर (Tejas Shigrekar) का कहना है कि गोल्ड में रिकॉर्ड हाई से 385 प्वाइंट्स यानी 8% की गिरावट इसके ओवरबॉट जोन में पहुंचने के बाद ट्रेंड रिवर्सल का संकेत है। तेजस के मुताबिक सोमवार को यह जिस भाव पर बंद हुआ था, वह मंथली लेवल पर इसके लिए अब तक का रिकॉर्ड RSI (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) रहा जो इसकी तेजी के स्पीड के कम होने और करेक्शन का दौर शुरू होने का संकेत दे रहा है।

भारत में अब फेस्टिव सीजन समाप्त होने की कगार पर है, इसके चलते अब फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी आने की उम्मीद है जिससे इसकी कीमते फिसल सकती हैं। तेजस का मानना है कि गोल्ड के भाव में नवंबर और दिसंबर में और गिरावट की आशंका है। उनका मानना है कि निवेशकों की धारणा बदल गई है और ट्रेडर्स पुट ऑप्शंस में अपना दांव बढ़ा रहे हैं, जिससे आने वाले महीनों में लगातार कमजोरी की आशंका है।

वैसे बता दें कि हालिया गिरावट के बावजूद गोल्ड के भाव अभी भी इस साल की शुरुआत से अब तक 55% मजबूत बने हुए हैं। इसे इस बात से सपोर्ट मिला है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल 2025 के आखिरी तक कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है।

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