दुनिया के दिग्गज इनवेस्टर्स में शुमार मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने भारतीय शेयर बाजारों को लेकर एक बड़ा अनुमान पेश किया है। उनका मानना है कि बेंचमार्क बीएसई सेंसक्स (BSE Sensex) अगले एक साल के भीतर 1,00,000 अंक के स्तर को छू सकता है। मोबियस का मानना है कि दलाल स्ट्रीट पर हाल ही में आई गिरावट एक अस्थायी झटका है और भारतीय शेयर बाजार अपने एशियाई समकक्षों के मुकाबले अपनी खोई हुई स्थिति वापस पा लेगा।
मोबियस ने NDTV प्रॉफिट को दिए इंटरव्यू में कहा, “भारत हमेशा हमारी उभरते बाजारों की सूची में सबसे ऊपर रहेगा। मुझे पूरा भरोसा है कि सेंसक्स एक साल के भीतर 1,00,000 तक पहुंच जाएगा।”
सेंसक्स ने साल 2025 में अब तक 4.1% रिटर्न दिया है। बाकी इमर्जिंग देशों की तुलना में यह प्रदर्शन काफी कम है। इसके मुकाबले MSCI एशिया पैसिफिक इंडेक्स 22% और MSCI वर्ल्ड इंडेक्स 15% तक ऊपर जा चुका है।
किन सेक्टर्स से मिलेगी तेजी?
मोबियस के अनुसार आने वाले महीनों में बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर भारतीय शेयर बाजार में तेजी की अगुआई कर सकते हैं। इसमें प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों कंपनियां शामिल होंगी। मोबियन ने कहा कि वह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर से जुड़ी घरेलू हार्डवेयर कंपनियों पर भी बुलिश है।
इसके अलावा अनुभवी निवेशक का कहना है कि भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट बनने का प्रयास भी जल्द ही नतीजे देने लगेगा। उनका मानना है कि आने वाले समय में डिफेंस सेक्टर निवेशकों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए बल्कि ग्लोबल स्तर पर डिफेंस इक्विपमेंट्स और तकनीक उपलब्ध कराने के लिए तेजी से काम कर रहा है। यह बदलाव भारतीय बाजार में डिफेंस सेक्टर को एक अहम ग्रोथ ड्राइवर बना सकता है, जिससे निवेशकों को लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है।
'अमेरिकी टैरिफ से नहीं रुकने वाला शेयर बाजार'
मार्क मोबियस ने कुछ समय पर भारत पर लगाए अमेरिकी टैरिफ पर भी अपनी राय दी थी। मोबियन ने कहा कि अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ का कुछ समय तो असर दिख सकता है, लेकिन भारत का शेयर बाजार रुकने वाला नहीं है। भले ही टैरिफ का दबाव हो, लेकिन पूरी दुनिया के लिए भारतीय बाजार एक हॉट डेस्टिनेशन बना रहेगा।
मोबियस ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से भारत के कुछ सेक्टर जरूर प्रभावित होंगे, जिसमें फार्मा, डायमंड, जेम्स और कपड़ा क्षेत्र प्रमुख हैं। इसके बावजूद भारत के पास इन चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं और वह जल्द ही इनसे उबर जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि भारतीय कारोबारियों को अमेरिकी टैरिफ से राहत दिलाने के लिए सरकार के स्तर पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे, जिसका फायदा शेयर बाजार और उसके निवेशकों को भी होगा।
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