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Hold, Sell या Add: Paytm के शेयरों ने पहले दिन किया निराश, निवेशकों के सामने अब क्या हैं विकल्प?

पेटीएम के शेयरों में गुरुवार को कमजोर लिस्टिंग के बाद भी गिरावट जारी रही

अपडेटेड Nov 18, 2021 पर 5:56 PM
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Paytm

पेटीएम (Paytm) की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications)के शेयरों में गुरुवार को कमजोर लिस्टिंग के बाद भी गिरावट जारी रही। Paytm के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर अपने IPO प्राइस से करीब 9 पर्सेंट नीचे लिस्ट हुए और फिर लुढ़कर करीब 27 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1,564 रुपये पर बंद हुए। Paytm के आईपीओ को 1.9 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था, जिसे कई एनालिस्ट ने उम्मीद से कम बताया था।

Paytm का आईपीओ भारतीय इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। हालांकि इसकी लिस्टिंग इस साल की सबसे खराब लिस्टिंग में से एक है।

लिस्टिंग के दिन हमारे सहयोगी चैनल CNBC-TV18 से बात करते हुए कंपनी के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा ने कहा कि शेयर प्राइस कंपनी के बिजनेस मॉडल को सही तरीके नहीं दर्शाता है और लोगों को इसे समझने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा, "फाइनेंस और टेक्नोलॉजी कंपनी का सयुंक्त मॉडल अभी काफी नया है।"


इस दौरान हमने कई एक्सपर्ट से बात करके पेटीएम के शेयर पर उनकी राय जाननी चाहिए।

Macquarie Capital Securities के सुरेश गणपति ने कहा, "एक पेमेंट बैंक के रूप में वह लोन नहीं दे सकते हैं। लेकिन अगर उन्हें स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिलता है, तब वे निश्चित रूप से ऐसा कर सकते हैं। हमारा मानना है कि उन्हें स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिलने की संभावना कम है। जाहिर है कि यह सब इसपर निर्भर करता है कि RBI उन्हें किस तरह तरह से देखता है। लेकिन फिलहाल पेटीएम को लेकर हमारी राय यही है।"

White Oak Capital Management के इनवेस्टमेंट डायरेक्टर रमेश मंत्री ने कहा, "पेटीएम अब "संज्ञा" की जगह "क्रिया" बन गई है। लोग बातचीत में इसका नाम लेकर कहते हैं पेटीएम करो, जिसका मतलब होता है कि ऑनलाइन पेमेंट करो। यूपीआई टेक्नोलॉजी के आने के बाद से इस सेक्टर को लेकर चिंताएं जाएज हैं, क्योंकि इसने मोबाइल वॉलेट की वैल्यू कम कर दी है। हालांकि दूसरी तरफ यह भी देखना चाहिए कि यूपीआई पर भी आधारित PhonePe और GooglePay जैसे कई नए प्लेयर मार्केट में लीडर बनकर उभरे हैं। पेटीएम को डिजिटल पेमेंट इंडस्ट्री की शुरुआत करने वाला कहा जा सकता है, लेकिन फिर भी यूपीआई-आधारित पेमेंट के चलते इसे नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।"

उन्होंने आगे कहा, "यूपीआई पेमेंट का चलन बढ़ने से पेटीएम जैसे ऐप अब हमारे मोबाइल के सबसे ज्यादा यूज किए जाने वाले ऐप बन गए हैं। इनसे बहुत अधिक पैसा तो नहीं आता है, लेकिन यूजर इगेंजमेंट बढ़ता है। इस यूजर इंगेजमेंट को दूसरे तरीकों से मॉनेटाइज किया जा सकता है।"

उन्होंने आगे बताया, "पेटीएम ने भी ट्रैवल और बुकिंग फैसिलिटी समेत कई सर्विस लॉन्च किया है। ऐसे में पेटीएम मॉनेटाइजेशन करने में लगी हुई है। हां अगर इसके साथ पेटीएम वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रोडक्ट्स को भी अच्छी संख्या में बेचने में कामयाब रहती है, अपने बैंकिंग, इंश्योरेंट और इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स को बढ़ा सकती है, तब लंबे समय में यह मुनाफे में आ सकती है।"

वहीं Swastika Investmart के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, "शॉर्ट-टर्म निवेशक इसमें बने रह सकते हैं क्योंकि निकट अवधि में इसमें हमें कुछ वापसी देखने को मिल सकता है। लेकिन लंबी अवधि के नजरिए से हमें इसमें किसी तेजी की उम्मीद नहीं है। ऐसे में लॉन्ग-टर्म निवेशक इससे बाहर निकल सकते हैं और इसमें गिरावट का इंतजार कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा, "नए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इसकी समकक्ष दूसरी कंपनियों की तलाश करें जो पेटीएम से बेहतर प्रदर्शन कर सकें। हमें लगता है कि कंपनी ने अपने ब्रांड के दम पर ज्यादा वैल्यूएशन की मांग की। शॉर्ट-टर्म में इसमें कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।"

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