Market insight : इकोनॉमी के लिए दूसरी छमाही रहेगी बेहतर, कंजम्प्शन और BFSI सेगमेंट में दिखेगी तेजी

Market trend : त्रिदीप ने कहा कि हम लोग यूनीपोलर वर्ल्ड से मल्टीपोलर वर्ल्ड की और बढ़ रहे हैं। इस दुनिया में हर देश के अपनी खासियत और कमजोरी भी है। मैन्यूफैक्चरिंग अमेरिका की कमजोरी है। पिछले 40-50 साल से अमेरिका मैन्यूफैक्चरिंग से बाहर है। ट्रंप का मानना है कि शायद टैरिफ से अमेरिका में फिर से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू हो जाए। लेकिन ये होना बहुत मुश्किल है

अपडेटेड May 07, 2025 पर 2:36 PM
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आईटी शेयरों पर बात करते हुए त्रिदीप ने कहा कि यहां से आगे के 12-14 महीनों के नजरिए से देखें तो आईटी में धीरे-धीरे सुधार होता दिखेगा

Stock market : बाजार में बेहद सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है। निफ्टी 200 अंकों के दायरे में घूम रहा है। आज निफ्टी बैंक में ज्यादा उतार-चढ़ाव दिख रहा है। मिडकैप, स्मॉलकैप ज्यादा जोश में हैं। INDIA VIX 3 फीसदी ऊपर है। भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से टाटा मोटर्स करीब 5 फीसदी चढ़कर निफ्टी का टॉप गेनर बना है। अब UK से जैगुआर लैंड रोवर जैसी कारें आने का रास्ता साफ हुआ है। ऊधर एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। गोकलदास एक्सपोर्ट, KPR मिल्स, वर्धमान टेक्सटाइल्स और वेल्सपन में जोरदार तेजी है। ऐसे में मार्केट और सेक्टर्स पर चर्चा करते हुए एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट(Edelweiss Asset Management) के CIO- इक्विटीज त्रिदीप भट्टाचार्य ने कहा कि अर्निंग्स सुधरने में 2-3 तिमाही लग सकते हैं। इकोनॉमी के लिए दूसरी छमाही बेहतर रहेगी। त्रिदीप भट्टाचार्य कंजम्प्शन और BFSI सेगमेंट पर पॉजिटिव नजरिया रखते हैं।

त्रिदीप ने आगे कहा कि हम लोग यूनीपोलर वर्ल्ड से मल्टीपोलर वर्ल्ड की और बढ़ रहे हैं। इस दुनिया में हर देश के अपनी खासियत और कमजोरी भी है। मैन्यूफैक्चरिंग अमेरिका की कमजोरी है। पिछले 40-50 साल से अमेरिका मैन्यूफैक्चरिंग से बाहर है। ट्रंप का मानना है कि शायद टैरिफ से अमेरिका में फिर से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू हो जाए। लेकिन ये होना बहुत मुश्किल है। सही बात ये है कि टैरिफ वार का सबसे ज्यादा निगेटिव असर अमेरिका में ही दिखेगा। टैरिफ हाई रखने पर अमेरिका में महंगाई काफी बढ़ जाएगी। इस बात की समझ अमेरिका को भी है। वास्तव में अमेरिका टैरिफ वार के नाम पर अपने कारोबारी साझेदारों से बेस्ट डील करना चाहता है। जब तक अमेरिका की डील की सौदेबाजी पूरी नहीं हो जाती तब तक बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी।

बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि साल की शुरुआत से अब तक बाजार में काफी ज्यादा अनिश्चितता थी। लेकिन अब भारत की पूंजीगत खर्च योजना और अमेरिका की पूंजीगत खर्च योजना से जुड़ी अनिश्चितता काफी हद तक दूर हो चुकी है। लेकिन अर्निंग्स की अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। लेकिन कुल मिलाकर काफी अनिश्चितता कम हुई है। इसी वजह से हमारे बाजार में निचले स्तरों से तेजी भी आई है। अर्निंग्स के ठीक होने में अभी 1-2 तिमाही और लगेगी।


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इस बीच बाजार के लिए 2-3 अच्छी खबरें हैं। जनवरी से मार्च के बीच हमें निर्णय लेने में तेजी आती दिखी है। इससे कंपनियों की ऑर्डरबुक में मजबूती आई है। इसके अलावा पिछले दो महीनों में कच्चे तेल की कीमतों में 25 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। ये देश में खपत के लिए पॉजिटिव है। इसके अलावा तीसरी अच्छी बात ये है कि 50 फीसदी रेट कट हो गया है आगे और भी कटौती हो सकती है। इससे इकोनॉमी में नकदी बढ़ेगी। रेग्यूलेटरी माहौल में भी नरमी आई है। ये बाजार के लिए अच्छे संकेत हैं। त्रिदीप ने आगे कहा कि वे कंजम्प्शन और BFSI सेगमेंट पर पॉजिटिव नजरिया रखते हैं। आईटी शेयरों पर बात करते हुए त्रिदीप ने कहा कि यहां से आगे के 12-14 महीनों के नजरिए से देखें तो आईटी में धीरे-धीरे सुधार होता दिखेगा। आईटी से जु़ड़ी तमाम निश्चितताएं अब कम हो रही हैं।

 

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