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Stock market : अगले कुछ कारोबारी सत्रों में बाजार में तेजी मुमकिन, 19500 -19480 पर निफ्टी के लिए मजबूत सपोर्ट

Stock market : पिछले कारोबारी दिन यानी 29 सितंबर को बैंक निफ्टी में तेजी देखने को मिली और तेजड़िये 44200 के सपोर्ट को बनाए रखने में कामयाब रहे। हालांकि 45000 पर स्थित 20-डे मूविंग एवरेज पर चुनौती देखने को मिली और इस लेवल ने कड़े रजिस्टेंस के रूप में काम किया। ऐसा लग रहा है कि बैंक निफ्टी एक रेंज में कंसोलीडेट हो रहा है। इस रेंज का ऊपरी छोर 45000 और निचला छोर 44200 पर स्थित है

अपडेटेड Oct 02, 2023 पर 4:45 PM
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Stock market : शॉर्ट टर्म में अच्छी तेजी के लिए निफ्टी के 19750 से ऊपर बंद होने की जरूरत है। 19750 के ऊपर की बंदी निफ्टी को 20500-20700 की ओर ले जा सकती है। वहीं, अगर निफ्टी 19470 से नीचे जाता है तो फिर इसमें और गिरावट आ सकती है

Stock market : अक्टूबर सीरीज के पहले दिन यानी 29 सितंबर को भारतीय बाजारों की शुरुआत मजबूत रही थी। कारोबारी सत्र के आखिरी 45 मिनट को छोड़कर पूरे सत्र में बढ़त जारी रही। इन आखिरी 45 मिनटों में निफ्टी में मामूली मुनाफावसूली देखने को मिली थी। इसके चलते निफ्टी दिन के उच्चतम स्तर 19726 से 100 अंक से ज्यादा गिर कर बंद हुआ था। निफ्टी ने 0.18 फीसदी की गिरावट के साथ 19638 के स्तर पर पिछले हफ्ते की क्लोजिंग की थी। अब सवाल ये है कि 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले हफ्ते में बाजार की चाल कैसी रह सकती है। आइए इस पर जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील की राय

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील (Devarsh Vakil)का कहना है कि निफ्टी को पिछले तीन लगातार कारोबारी सत्रों से अपने 50 डे ईएमए के पास सपोर्ट मिल रहा है। 19767 से ऊपर की कोई भी तेजी की ट्रेंड में बदलाव की पुष्टि करेगा। ये लेवल पार होने पर बाजार में और तेजी आएगी। जबकि 19492 से नीचे जाने पर निफ्टी में गिरावट बढ़ेगी।


एलकेपी सिक्योरिटीज के कुणाल शाह की राय

एलकेपी सिक्योरिटीज के कुणाल शाह का कहना है कि पिछले कारोबारी दिन यानी 29 सितंबर को बैंक निफ्टी में तेजी देखने को मिली और तेजड़िये 44200 के सपोर्ट को बनाए रखने में कामयाब रहे। हालांकि 45000 पर स्थित 20-डे मूविंग एवरेज (20DMA)पर चुनौती देखने को मिली और लेवल ने कड़े रजिस्टेंस के रूप में काम किया। ऐसा लग रहा है कि बैंक निफ्टी एक रेंज में कंसोलीडेट हो रहा है। इस रेंज का ऊपरी छोर 45000 और निचला छोर 44200 पर स्थित है। इस रेंज के किसी भी तरफ आने वाला निर्णायक ब्रेक आउट इंडेक्स की दिशा तय करेगा। शॉर्ट टर्म में लिए 44200 का स्तर काफी अहम है ये नियर टर्म में बाजार की दिशा तय करेगा।

रूपक डे की राय

एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि अगस्त की कमजोर क्लोजिंग के बाद, निफ्टी ने सितंबर महीने का अंत बढ़त के साथ किया है। हालिया बिकवाली का दबाव 50EMA के आसपास रुकता दिखा है। शॉर्ट टर्म में अच्छी तेजी के लिए निफ्टी के 19750 से ऊपर बंद होने की जरूरत है। 19750 के ऊपर की बंदी निफ्टी को 20500-20700 की ओर ले जा सकती है। वहीं, अगर निफ्टी 19470 से नीचे जाता है तो फिर इसमें और गिरावट आ सकती है।

शेयरखान के जतिन गेडिया की राय

शेयरखान के जतिन गेडिया का कहना है कि पिछले कारोबारी दिन निफ्टी बढ़त के साथ खुलने को बाद पॉजिटिव रुझान के साथ कारोबार करता रहा और अंत में 114 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। डेली चार्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले कारोबारी दिन निफ्टी में फॉलो थ्रू सेलिंग देखने को नहीं मिली। वास्तव में ये 19600 के ऊपर बंद हुआ जो एक अच्छा संकेत है। 19492 का स्तर अब निफ्टी के लिए शॉर्ट टर्म बॉटम बन गया है।

ऑवरली टाइम फ्रेम पर दिख रहे पॉजिटिव डाइवर्जेंस और क्रॉसओवर भी इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि अब निफ्टी में एक पुलबैक रैली देखने के मिल सकती है। प्राइस और मोमेंटम दोनों ही इस बात का संकेत दे रहे हैं कि अगले कुछ कारोबारी सत्रों में निफ्टी में तेजी देखने को मिल सकती है। नीचे की तरफ निफ्टी के लिए 19500 –19480 पर सपोर्ट और ऊपर की तरफ 19780 –19840 पर तत्काल रजिस्टेंस दिख रहा है।

बैंकिंग शेयरों पर अपनी देते हुए जतिन ने कहा कि पिछले कारोबारी दिन बैंक निफ्टी में भी पुलबैक देखने को मिला। जिसके चलते ये अपने 20 वीक मूविंग एवरेज (44584) के आसपास बंद होने में कामयाब रहा। यह एक सकारात्मक संकेत है। जतिन का मानना है कि बैंक निफ्टी में मोमेंटम कमजोर पड़ता दिख रहा है। यह स्थित ऑवरली टाइम फ्रेम पर दिख रहे पॉजिटिव डाइवर्जेस से साफ है। शॉर्ट टर्म में निफ्टी में भी हमें पुलबैक देखने को मिल सकता है। इस पुल बैक में ये ऊपर की ओर 45000-45200 की तरफ जाता दिख सकता है।

जियोजित के विनोद नायर की राय

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि ब्रिटेन के अच्छे जीडीपी आंकड़ो के कारण भारतीय बाजार में तेजी देखने को मिली। हालांकि, नकदी की तंगी और मंदड़ियों पर काबू पाने के लिए ट्रिगर्स के अभाव के कारण बाजार को ऊपरी स्तरों पर कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। घरेलू महंगाई में तेजी आने का खतरा सितंबर में अच्छे मानसून के खबर से टल सकता है। इससे अगले हफ्ते आरबीआई को अपनी पॉलीसी मीट में ब्याज दरों में बढ़त पर रोक लगाए रखने की छूट मिल सकती है।

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