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Tata Capital IPO: वैल्यूएशन महंगा है या सस्ता? निवेशकों के लिए क्या है सही रणनीति

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कैपिटल के IPO के सब्सक्रिप्शन का आज 7 अक्टूबर को दूसरा दिन है। कंपनी ने करीब 15,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया है। निवेशकों में इस IPO को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। पहले दिन यह आईपीओ करीब 40% तक सब्सक्राइब हुआ। हालांकि ब्रोकरेज फर्म इसके वैल्यूएशन को लेकर बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं

अपडेटेड Oct 07, 2025 पर 9:42 AM
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Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल ने अपने शेयरों के लिए 310 से 326 रुपये प्रति शेयर का भाव तय किया है

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कैपिटल के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) का आज 7 अक्टूबर को दूसरा दिन है। कंपनी ने करीब 15,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च किया है। ये साल 2025 का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। इससे बड़ा आईपीओ पिछले साल हुंडई मोटर इंडिया ने लॉन्च किया था। टाटा कैपिटल के IPO को लेकर निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। पहले ही दिन अब तक यह आईपीओ करीब 40% तक सब्सक्राइब हो चुका है। लेकिन इस सबके बावजूद टाटा कैपिटल के वैल्यूएशन को लेकर ब्रोकरेज फर्म कुछ बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं।

टाटा कैपिटल का यह आईपीओ कैसा है? इसका वैल्यूएशन महंगा है या सस्ता? आईपीओ में निवेश के लिए निवेशकों की क्या रणनीति होनी चाहिए और बजाज फाइनेंस जैसी अपनी राइवल कंपनियों के मुकाबले, टाटा कैपिटल कहां बैठती है, आइए इसे विस्तार से जानते हैं?

टाटा कैपिटल ने अपने शेयरों के लिए 310 से 326 रुपये प्रति शेयर का भाव तय किया है। 326 रुपये के ऊपरी भाव पर कंपनी की मार्केट वैल्यूएशन करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये आती है। इस भाव कंपनी का प्राइस-टू-बुक रेशियो 3.4 से 4.1 गुना और प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो करीब 32 गुना आता है, जो NBFC सेगमेंट की बाकी बड़ी कंपनियों के लगभग बराबर ही है।


Tata Capital IPO: एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

देवेन चोकसी रिसर्च का कहना है कि टाटा कैपिटल का वैल्यूएशन लगभग वाजिब है। कंपनी का प्राइस-टू-बुक रेशियो 4.1x और रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) 1.9% है, जबकि इनके पीयर NBFCs का औसत प्राइस-टू-बुक रेशियो 3.7x और टर्न ऑन एसेट्स (RoA) 3 पर्सेंट है।

SBI Securities ने भी वैल्यूएशन को फेयर बताया, लेकिन चेतावनी दी कि यह “फेयर रेंज के ऊपरी छोर पर” है। फर्म ने कहा कि 'टाटा मोटर्स फाइनेंस' के साथ हुए मर्जर से कंपनी की निकट भविष्य की प्रॉफिटेबिलिटी पर दबाव आ सकता है, जिससे शुरुआती तिमाहियों में मार्जिन थोड़ा प्रभावित रह सकता है।

इसके अलावा ब्रोकरेज फर्म ICICI डायरेक्ट ने टाटा कैपिटल के आईपीओ को कोई रेटिंग नहीं दी है, लेकिन ये कहा कि यह “अच्छी तरह कैपिटलाइज्ड, डायवर्सिफाइड और प्रूडेंटली यानी अच्छे विवेक के साथ मैनेज की जाने वाली NBFC कंपनी” है। ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि कंपनी के पास टाटा ग्रुप जैसे मजबूत पैरेंट संस्था है, इसकी ब्रांड इक्विटी शानदार और कॉरपोरेट गवर्नेंस भी स्थिर है, जो इसे लॉन्ग-टर्म के लिहाज से एक भरोसेमंद निवेश बनाता है।

ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी (Anand Rathi) और आदित्य बिड़ला कैपिटल (Aditya Birla Capital) ने भी इस आईपीओ को “लॉन्ग-टर्म के लिए” सब्सक्राइब करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि Tata Group की क्रेडिबिलिटी, कैपिटल एडिक्वेसी और स्केलेबिलिटी कंपनी को लंबी अवधि में मजबूत ग्रोथ दे सकती है।

Tata Capital IPO: वित्तीय सेहत

कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर एक नजर डालें तो, टाटा कैपिटल का प्रॉफिट कमाने का 18 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी की कंसॉलिडेटेड लोन बुक में वित्त वर्ष 2023 से 2025 के बीच 37% CAGR की दर से इजाफा देखा गया। जून तिमाही के अंत में कंपनी की लोन बुक का साइज 2.33 लाख करोड़ रुपये था। इसमें रिटेल और SME लोन का हिस्सा 87.5% है।

हालांकि, कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी मेट्रिक्स अब भी बाकी बड़े NBFCs के मुकाबले कम हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि टाटा कैपिटल का NIM लगभग 5 प्रतिशत, रिटर्न ऑन एसेट्स 2 प्रतिशत और रिटर्न ऑन इक्विटी 12 से 13 प्रतिशत है। यह बजाज फाइनेंस और चोलामंडलम फाइनेंस जैसे कंपनियों के मार्जिन और रिटर्न से काफी कम है।

पैमाना (FY25) टाटा कैपिटल बजाज फाइनेंस समकक्ष कंपनियों का औसत
AUM / लोन बुक ₹2.33 लाख करोड़ ₹4.16 लाख करोड़ ₹1-3 लाख करोड़
NIM 5.1-5.2% 9.9% 7-10%
RoA 1.8-1.9% 4.6% 2.2-3.5%
RoE 12-13% 19.2% 15-20%
ग्रॉस NPA 1.9% 1.2% 2.3-4.6%
प्रोविजन कवरेज रेशियो 59% 53% 45-70%
फंड्स की लागत 7.8% 7.6% 7-8%
P/B (x) 3.4-4.1 ~7.0 2-6
P/E (x) ~32 ~37 23-33

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि टाटा कैपिटल के इस कम रिटर्न के पीछे क्रेडिट की ऊंची लागत, प्रोविजन कवरेज में गिरावट ,फंडिंग कॉस्ट में बढ़ोतरी और टाटा मोटर्स फाइनेंस के मर्जर से जुड़ी इंटीग्रेशन लागत जैसी वजहें शामिल हैं। हालांकि इस सबके बावजूद कंपनी अपने करीब 1,500 शाखाओं और 30,000 से अधिक पार्टनर्स के नेटवर्क के जरिए तेजी से विस्तार कर रही है। ये ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों चैनलों में मौजूद है।

Tata Capital IPO: गवर्नेंस और भरोसे पर मिल रहा प्रीमियम वैल्यूएशन

एक्सपर्ट्स का कहना है टाटा कैपिटल के रिटर्न जरूर इसकी राइवल कंपनियों के मुकाबले कमजोर है, लेकिन इसके साथ एक सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट 'टाटा' का नाम है। निवेशकों में Tata Group के ब्रांड और गवर्नेंस को लेकर भरोसा है। यही कारण है कि मुनाफे में तेज उछाल की सीमित संभावना के बावजूद Tata Capital को प्रीमियम वैल्यूएशन मिल रहा है।

ब्रोकरेज फर्म्स का मानना है कि Tata Capital को जो वैल्यूएशन प्रीमियम मिला है, वह अर्निंग्स से ज्यादा गवर्नेंस और भरोसे पर आधारित है। ICICI Direct के अनुसार, कंपनी की AAA (डोमेस्टिक) और BBB- (इंटरनेशनल) रेटिंग इसे फंडिंग कॉस्ट के मामले में सबसे कम जोखिम वाली NBFCs में शामिल करती है। वहीं Deven Choksey Research का कहना है कि "Tata Capital स्केलिंग के लिए तैयार है, लेकिन इसका रिटर्न प्रोफाइल बाकी लिस्टेड NBFCs से नीचे है।"

कुल मिलाकर एक्सपर्ट्स का कहना है टाटा कैपिटल के प्राइस में लगभग अधिकतर अच्छी चीजें पहले से शामिल हैं। ऐसे में इसकी लिस्टिंग गेन सीमित रह सकते हैं। लेकिन लॉन्ग-टर्म के लिए यह निवेशकों के लिए एक अच्छा दांव हो सकता है।

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