Orkla India IPO: 29 अक्टूबर से खुल रहा है ₹1667 करोड़ का इश्यू, पैसे लगाने से पहले जान लें रिस्क फैक्टर

Orkla India IPO: कंपनी की कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अच्छी मौजूदगी है। इसके पोर्टफोलियो में लगभग 400 आइटम हैं। जून 2025 तिमाही में ओर्कला इंडिया के रेवेन्यू का 70% हिस्सा भारत के दक्षिणी हिस्सों से आया

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 3:31 PM
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Orkla India मसालों, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट बेचती है।

MTR Foods और Eastern Condiments का मालिकाना हक रखने वाली ओर्कला इंडिया लिमिटेड का IPO 29 अक्टूबर को खुलने वाला है। क्लोजिंग 31 अक्टूबर को होगी। कंपनी 1,667.54 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। IPO के लिए प्राइस बैंड 695-730 रुपये प्रति शेयर है। अलॉटमेंट शेयर 6 नवंबर को BSE, NSE पर लिस्ट हो सकते हैं। ओर्कला इंडिया, नॉर्वे की इंडस्ट्रियल इनवेस्टमेंट कंपनी Orkla ASA का इंडिया बिजनेस है। इसकी विदेशी प्रमोटर ओर्कला एशिया पैसिफिक पीटीई है, जो Orkla ASA की रीजनल यूनिट है। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में कारोबार संभालती है।

ओर्कला इंडिया मसालों, रेडी-टू-कुक और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट बेचती है। इसके पोर्टफोलियो में लगभग 400 आइटम हैं। इसकी कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अच्छी मौजूदगी है। इसके IPO के प्रमुख रिस्क फैक्टर क्या हैं, आइए जानते हैं...

कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और पैकेजिंग कॉस्ट


ओर्कला इंडिया ने अपने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में इस बात पर जोर दिया है कि उसे अपने ऑपरेशंस में मिर्च, हल्दी, काली मिर्च, जीरा और धनिया जैसे कच्चे माल और पैकेजिंग मैटेरियल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। अनियमित वर्षा, सूखा, बाढ़ और लू सहित अप्रत्याशित मौसम के कारण फसलों की कमी, क्वालिटी में बदलाव और कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।

कंपनी ने कहा है, "प्रतिस्पर्धी कीमतों पर इन मैटेरियल्स की खरीद में किसी भी तरह की असमर्थता या सप्लाई में लंबे समय तक रुकावट, प्रोडक्शन पर निगेटिव इंपैक्ट डाल सकती है, लागत बढ़ा सकती है। इसके चलते मार्जिन में कमी या बाजार हिस्सेदारी में कमी आ सकती है।"

रेवेन्यू का ज्यादातर हिस्सा एक ही क्षेत्र से आना

अप्रैल-जून 2025 तिमाही में ओर्कला इंडिया के रेवेन्यू का 70% हिस्सा भारत के दक्षिणी हिस्सों से आया। RHP में कहा गया है कि किसी एक क्षेत्र पर इतनी अधिक निर्भरता कंपनी के लिए आर्थिक उतार-चढ़ाव, प्रतिस्पर्धी दबावों या जनसांख्यिकीय बदलावों से जुड़े जोखिम खड़े करती है। ये रेवेन्यू और वित्तीय प्रदर्शन को काफी ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं।

ब्रांड प्रतिष्ठा, प्रोडक्ट सेफ्टी

RHP के मुताबिक, प्रोडक्ट सेफ्टी से जुड़े इश्यूज, प्रोडक्ट्स या कच्चे माल का खराब होना, कंटेमिनेशन, या उनकी ठीक से प्रोसेसिंग या स्टोरेज न होना कंपनी की बिजनेस परफॉरमेंस पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।इसके अलावा, एक थर्ड पार्टी रेस्टोरेंट चेन को एमटीआर ट्रेड नेम का इस्तेमाल करने की इजाजत है। इसका मालिकाना हक ओर्कला इंडिया के पास नहीं है। इस अलग रेस्टोरेंट बिजनेस से जुड़ा कोई भी निगेटिव प्रचार, फूड सेफ्टी से जुड़े मसले, या क्वालिटी को लेकर चिंताएं, पैकेज्ड फूड ब्रांड एमटीआर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

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अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निर्यात जोखिम

वित्त वर्ष 2025 में ओर्कला इंडिया की कुल आय का 20% भारत के बाहर प्रोडक्ट्स की बिक्री से आया।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कारोबार से कंपनी को करेंसी में उतार-चढ़ाव, व्यापार प्रतिबंधों, माल ढुलाई की कीमतों में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स का पालन जैसी चीजों का सामना करना पड़ता है। ये अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग होते हैं।

सप्लायर्स पर निर्भरता और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के जोखिम

ओर्कला इंडिया कई सप्लायर्स पर निर्भर है। इनमें से टॉप 10 का वित्त वर्ष 2025 में कुल कच्चे माल की खरीद में लगभग 34% हिस्सा रहा। ऐसे किसी भी सप्लायर्स का नुकसान कंपनी के बिजनेस पर निगेटिव इंपैक्ट डाल सकता है। ओर्कला इंडिया का कहना है, "डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मैनेज न कर पाना, पार्टनर्स का कॉम्पिटीटर्स के साथ हो लेना, या मॉडर्न ट्रेड और ऑनलाइन चैनल्स की ओर उपभोक्ताओं का तेजी से शिफ्ट होना, हमारे प्रोडक्ट्स की पहुंच और बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।"

कानूनी और संभावित देनदारियां

ओर्कला इंडिया के प्रमोटर, कंपनी और मैनेजमेंट के प्रमुख कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक और टैक्स-संबंधी मामलों सहित कई कानूनी कार्यवाहियां चल रही हैं। 30 जून, 2025 तक कंपनी की संभावित देनदारियां ₹127.8 करोड़ की थीं। संभावित देनदारियां वे देनदारियां हैं, जो किसी घटना या परिस्थिति के घटित होने पर निर्भर करती हैं। ये वर्तमान में वास्तविक देनदारी नहीं होतीं, लेकिन भविष्य में किसी विशिष्ट घटना या शर्त के पूरा होने पर पैदा हो सकती हैं। कंपनी ने कहा है कि अगर इन देनदारियों में से कोई भी हकीकत में बदलती है तो कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर हो सकता है।

जून तिमाही में मुनाफा 10 प्रतिशत बढ़ा

कंपनी के लिस्टेड कॉम्पिटीटर्स में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल है। ओर्कला इंडिया का अप्रैल-जून 2025 में शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 9.8 प्रतिशत बढ़कर 78.9 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले मुनाफा 71.9 करोड़ रुपये था। रेवेन्यू 6 प्रतिशत बढ़कर 597 करोड़ रुपये हो गया, जो जून 2024 तिमाही में 563.5 करोड़ रुपये था। IPO में केवल 2.28 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा।

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