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Market next week: अगले हफ्ते बाजार की दिशा तय करने में इन बातों का रहेगा अहम योगदान, न चूके नजर

Market next week:नतीजों का मौसम समाप्त होने और अमेरिकी ऋण सीमा की चिंता पीछे छूटने के साथ अब 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में आरबीआई की मौद्रिक नीति पर बाजार की नजरें रहेंगी। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक निफ्टी 18315 से ऊपर रहता है, तब तक तेजड़ियों का पलड़ा भारी रह सकता है। 2 जून को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा ऋण सीमा डील पारित करने के बाद तेल की कीमतों में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है

अपडेटेड Jun 04, 2023 पर 2:08 PM
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हेज्ड के संस्थापक और सीईओ राहुल घोष का कहना है कि निफ्टी इंडेक्स में मौजूदा हफ्ते की एक्सपायरी के लिए 18500 पुट और 18600 कॉल दोनों में बिल्ड-अप देखने को मिला है। ये में निफ्टी 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में रेंज बाउंड रह सकता है

Market next week: कंसोलीडेशन वाले पिछले हफ्ते में भारत के बेंचमार्क इंडेक्स 2 जून को सपाट बंद हुए। शुक्रावर को निफ्टी 18534 पर और सेंसेक्स 62547 पर बंद हुए थे। साप्ताहिक आधार पर देखें तो निफ्टी में 0.19 फीसदी की और सेंसेक्स केवल 0.07 फीसदी की बढ़त देखने को मिली। अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो पिछले हफ्ते निफ्टी रियल्टी में 3.8 फीसदी की, निफ्टी मीडिया में 3.3 फीसदी और निफ्टी ऑटो में 1.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली ती। जबकि निफ्टी एनर्जी 1.9 फीसदी और निफ्टी बैंक 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए थे। मिडकैप स्पेस में बड़ा एक्शन देखने को मिला था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर 1.6 फीसदी की तेजी के साथ 34006.55 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर क्लोज हुआ था।

नतीजों का मौसम समाप्त होने और अमेरिकी ऋण सीमा की चिंता पीछे छूटने के साथ अब 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में आरबीआई की मौद्रिक नीति पर बाजार की नजरें रहेंगी। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक निफ्टी 18315 से ऊपर रहता है, तब तक तेजड़ियों का पलड़ा भारी रह सकता है।

आइए उन अहम बातों पर नजर डालते हैं जो अगले हफ्ते बाजार की चाल तय करेंगे।


1. आरबीआई एमपीसी का फैसला

अप्रैल में महंगाई में आई कमी और जनवरी-मार्च के जीडीपी में बढ़त को देखते हुए जानकारों का मानना है कि 6 जून से शुरू होने वाली आरबीआई की पॉलिसी मीट में ब्याज दरों पर यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला लिया जाएगा। तीन दिवसीय पॉलीसी मीट का फैसला 9 जून को आएगा। हालांकि जानकारों का ये भी कहना है कि आरबीआई अभी दरों में कटौती नहीं करेगा।

2. कच्चे तेल की कीमतें

2 जून को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा ऋण सीमा डील पारित करने के बाद तेल की कीमतों में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है। सभी की निगाहें अब सप्ताहांत में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों की बैठक पर टिकी हैं। इस सप्ताह क्रूड के दोनों कॉन्ट्रैक्ट लगभग 1 फीसदी नीचे थे। ये तीन सप्ताह में आई पहली गिरावट थी। ब्रेंट फ्यूचर्स 76.13 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 71.74 डॉलर पर बंद हुआ था।

3. FII और DII के निवेश

बीते हफ्ते कैश सेगमेंट में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 6519.7 करोड़ की खरीदारी की है। इसमें MSCI की रिबैलेसिंग का अहम योगदान था। वास्तव में विदेशी संस्थागत निवेशोकों ने पूरे मई में काफी अच्छी खरीदारी की है। इस अवधि में उन्होंने भारतीय इक्व्टी बाजार में 43838 करोड़ की खरीदारी की है। जियोजीत फाइनेँशियल के वीके विजय कुमार का कहना है कि मई महीने में भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने काफी अच्छी खरादारी की। जबकि एफपाई ने चीन में बिकावली की। जून में भारत में एफपीआई का ओर से अच्छी खरीदारी की उम्मीद है।

वहीं पिछले हफ्ते के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय इक्विटी मार्केट में 1045 करोड़ रुपए की बिकावाली की है। ऐसे में यह देखना रुचिकर होगा कि क्या घरेलू फंडों की बिकवाली और बढ़ेगी।

4. मानसून की प्रगति

इस हफ्ते के शुरुआत में मानसून के पहुचने की संभावना है। ऐसे में मोतीलाल ओसवान के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि 5 जुन से शुरू होने वाले हफ्ते में ग्रामीण और एग्रीसेक्टर से जुड़े स्टॉक फोकस में रहेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक, देश के उततर पश्चिम के इलाके को छोड़कर इस मिनसून में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है। बारिश में कोई भी देरी या कमी ग्रामीण रिकवरी को प्रभावित करेगी और खपत वाले शेयरों के लिए बुरी खबर होगी।

5. अहम घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी नजर

मई महीने के एसएंडपी ग्लोबल कंपोजिट पीएमआई और एसएंडपी ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई के आंकड़ें 5 जून को जारी होने वाले हैं। अप्रैल में, भारत के सेवा क्षेत्र का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मार्च के 57.8 से बढ़कर 62.0 पर रहा था। निवेशक की नजर इस बात पर रहेगी कि क्या मई में यह गति जारी रहेगी या नहीं। बाद में इसी हफ्ते 9 जून को भारतीय रिजर्व बैंक 2 जून को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार डेटा जारी करेगा, इस पर भी बाजार की नजर रहेगी।

6. अगले हफ्ते के लिए निफ्टी और बैंक निफ्टी के अहम लेवल

जानकारों के अगले हफ्ते बाजार के साइडवेज रहने की उम्मीद है। नियर टर्म के लिए बाजार की दिशा साफ नजर नहीं आ रही है। निफ्टी के लिए 18450-18500 के लेवल पर सपोर्ट और 18650 -18800 के लेवल पर रजिस्टेंस दिख रहा है। एलकेपी सिक्योरिटीज के कुणाल शाह का कहना है कि बैंक निफ्टी पर नजर डालें तो यहां भी तेजड़ियों और मंदड़ियों में उठापटक दिख रही है। बैंक निफ्टी के लिए 43500 पर सपोर्ट और 44200 पर रजिस्टेंस दिख रहा है।

7. जानिए क्या कहते है ऑप्शंस के आंकड़े

ऑप्शंस के आंकड़ों के मुताबिक 19500 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल ओपन इंटरेस्ट देखने को मिला है। उसके बाद 18600 और 18500 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल ओपन इंटरेस्ट है। वहीं, 18600 पर सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग देखने को मिली है। उसके बाद 19500 और 18800 पर सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग देखने को मिली है।

पुट साइड पर नजर डालें तो अधिकतम ओपन इंटरेस्ट 18500 स्ट्राइक पर है। इसके बाद 18600 स्ट्राइक और 18000 स्ट्राइक पर भी अच्छा खासा ओपन इंटरेस्ट है। समान स्ट्राइक और मात्रा में पुट राइटिंग भी देखने को मिली है। ऑप्शंस डेटा से संकेत मिलता कि आने वाले दिनों में निफ्टी सीमित दायरे में घूमता दिख सकता है। निफ्टी के लिए 18500 पर पहला फिर 18400 पर बड़ा सपोर्ट है। जबकि ऊपर की तरफ इसके लिए 18600-18800 पर रजिस्टेंस दिख रहा है।

शॉर्ट टर्म में करेक्शन की संभावना से इंकार नहीं लेकिन मिडियम टर्म में बाजार में दिखेगी जोरदार तेजी: आनंद राठी

हेज्ड के संस्थापक और सीईओ राहुल घोष का कहना है कि निफ्टी इंडेक्स में मौजूदा हफ्ते की एक्सपायरी के लिए 18500 पुट और 18600 कॉल दोनों में बिल्ड-अप देखने को मिला है। ये में निफ्टी 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में रेंज बाउंड रह सकता है। निफ्टी के लिए 18600-18700 का जोन संघर्ष का जोन है। अगर निफ्टी को ऊपर जाना है तो इस जोन से पार पाना होगा। राहुल घोष के मुताबिक निफ्टी के लिए 18460 सपोर्ट है। उसके बाद 18200 और 18000 पर अगले बड़े सपोर्ट हैं। अगर ये सपोर्ट टूटते हैं तो फिर गिरावट और बढ़ सकती है।

8. इडिया विक्स

वोलैटिलिटी में शुरूआती दिनों की तेजी के बाद बीते सप्ताह के आखिरी चार दिनों में अस्थिरता (वोलैटिलिटी ) कमी आई है। नतीजतन निफ्टी में अगले 30 दिनों की संभावित वोलैटिलिटी मापने वाला इंडेक्स इंडिया विक्स बीते सप्ताह के दौरान 6.51 फीसदी गिरकर 11.90 से 11.12 पर आ गया। ये 28 अप्रैल के बाद का इसका सबसे निचला स्तर है। ये इंडेक्स लगातार तीसरे हफ्ते लोअर हाई फॉर्मेशन करता दिखा है।

निचले स्तर पर आने अस्थिरता बाजार सहभागियों के बीच विश्वास बढ़ाती है। हाल के हाई के गठन के बाद बाजार में कुछ गिरावट देखने को मिली है। इसके साथ ही वोलैटिलिटी एक महीने से ज्यादा के निचले स्तर पर है और निफ्टी सीमित दायरे में घूम रहा है। ऐसे में क्या अब बाजार ऊपर की ओर कूच करेगा या फिर मौजूदा स्तरों के आसपास ही घूमता रहेगा इस पर बाजार की कड़ी नजर रहेगी।

 

 

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