Market Next Week : स्मॉलकैप शेयरों में 10-30% की गिरावट, जानिए अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Market This Week : सेक्टर के हिसाब से, निफ्टी IT में 1.6% की बढ़त हुई, ऑटो में 1% की बढ़त हुई और बैंक में 0.6% की बढ़त हुई। वहीं, रियल्टी में 3.7% की गिरावट आई, मेटल में 3.3% की गिरावट आई और मीडिया में 2.4% की गिरावट नजर आई

अपडेटेड Nov 22, 2025 पर 12:33 PM
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Market Next Week : एंजेल वन के ओशो कृष्ण का कहना है कि आगे हमें किसी भी ग्लोबल डेवलपमेंट पर नज़र रखनी होगी जो हमारे मार्केट के लिए ट्रिगर का काम कर सकता है

Market This Week : 21 नवंबर को खत्म हुए हफ़्ते में मिड और स्मॉल कैप में प्रॉफ़िट बुकिंग देखी गई और यह हेडलाइन बेंचमार्क से पीछे रहे। इस अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 1-2 परसेंट गिरे। US में ज़्यादा नौकरियां बढ़ने से दिसंबर में फेड रेट कट की उम्मीदें कम हो गई हैं। रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है और US-इंडिया ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इन सारी वजहों से ब्रॉडर मार्केट पर दबाव बना।

इस हफ़्ते, BSE सेंसेक्स 669.14 अंक या 0.79 परसेंट बढ़कर 85,231.92 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी 158.1 अंक या 0.61 परसेंट बढ़कर 26,068.15 पर बंद हुआ।

विदेशी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने अपनी बिकवाली घटाई और 188 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। घरेलू इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) मज़बूत खरीदार बने रहे और उन्होंने 12,969.03 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।


सेक्टर के हिसाब से देखें तो निफ्टी IT में 1.6% की बढ़त हुई, ऑटो में 1% की बढ़त हुई और बैंक में 0.6% की बढ़त हुई। वहीं, रियल्टी में 3.7% की गिरावट आई, मेटल में 3.3% की गिरावट आई और मीडिया में 2.4% की गिरावट नजर आई।

BSE स्मॉल-कैप इंडेक्स में 2 परसेंट की गिरावट आई, जिसमें फिशर मेडिकल वेंचर्स, स्पेक्ट्रम इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज, RIR पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, जय बालाजी इंडस्ट्रीज, वेबसोल एनर्जी सिस्टम और डेक्कन सीमेंट्स में 15-30 परसेंट की गिरावट आई। जबकि एस्टेक लाइफसाइंसेज, श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन, VLS फाइनेंस, 5पैसा कैपिटल, VL ई-गवर्नेंस एंड IT सॉल्यूशंस और नारायण हृदयालय में बढ़त देखने को मिली।

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जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि Q2 की मज़बूत अर्निंग, महंगाई में कमी और इंडिया-US ट्रेड बातचीत को लेकर उम्मीद से पूरे हफ़्ते बुलिश सेंटिमेंट बना रहा। FII सेलिंग में नरमी ने भी बाजार को सपोर्ट किया। हालांकि, शुक्रवार को कमज़ोर ग्लोबल संकेतों और इंडिया-US ट्रेड बातचीत में संभावित देरी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच बाज़ार में उतार-चढ़ाव रहा।

उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद से बेहतर नॉन-फार्म पेरोल ने दिसंबर में FED से रेट कट की उम्मीदों को कमजोर कर दिया है। इसका असर ग्लोबल इक्विटी पर पड़ा। सोने जैसे सेफ हेवन एसेट्स पर भी इसका असर दिखा,जिससे इसमें बिकवाली का दबाव बना। डॉलर के मुकाबले रुपया भी नए निचले स्तर पर आ गया। रूस-यूक्रेन शांति प्रस्ताव के लिए US के नए दबाव के कारण तेल की कीमतों में गिरावट आई है।

विनोद नायर की राय है कि अगर रुपए पर दबाव बना रहता है तो जल्द ही मार्केट में कुछ प्रॉफ़िट बुकिंग हो सकती है। आने वाले हफ़्ते में, इन्वेस्टर्स ट्रेड डेवलपमेंट और IIP और Q2FY26 GDP डेटा जैसे इकोनॉमिक आंकड़ो पर भी पैनी नज़र रखेंगे। इनसे मार्केट की दिशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

अगले हफ्ते कैसी रह सकती है बाजार की चाल

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि अगले हफ़्ते बाज़ार में मज़बूती रहने की उम्मीद है। बाजार को गिरावट में खरीदारी, तीसरी तिमाही में डिमांड के बेहतर होने और मज़बूत फ्लो से सपोर्ट मिलेगा। भारत-US ट्रेड बातचीत में कोई भी प्रोग्रेस बाज़ारों के लिए एक अहम शॉर्ट-टर्म ट्रिगर का काम करेगा।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है 26,250 से ऊपर की तेजी इंडेक्स को 26,500 की ओर ले जा सकती है। नीचे की तरफ, 26,000–25,850 के ज़ोन इंडेक्स के लिए मज़बूत सपोर्ट दिख रहा है। ट्रेडर्स को सलाह है कि वे सेक्टोरल रोटेशन पर फ़ोकस करें। ऑटो और बैंकिंग थीम में तेजी रह सकती है। साथ ही स्टॉक-स्पेसिफ़िक और रिस्क-मैनेज्ड अप्रोच बनाए रखें।

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एंजेल वन के ओशो कृष्ण का कहना है कि आगे हमें किसी भी ग्लोबल डेवलपमेंट पर नज़र रखनी होगी जो हमारे मार्केट के लिए ट्रिगर का काम कर सकता है। इसके अलावा,कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी के चलते होने वाले उतार-चढ़ाव को देखते हुए,एक ऐसे प्रैक्टिकल अप्रोच को अपनाना सही रहेगा जो मौजूदा माहौल में मज़बूत रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करे। इसके अलावा, मार्केट में गिरावट के दौरान खरीदने की स्ट्रेटेजी ने हाल के दिनों में अच्छी तरह काम किया है। आगे भी ये रणनीति काम करती दिखेगी।

 

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