IDBI Bank को खरीदने की रेस, अब यह भारतीय बैंक भी शामिल हुआ दौड़ में

IDBI Bank Stake Sale: आईडीबीआई बैंक मे बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की रेस में अब एक और नया प्लेयर शामिल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह दिग्गज बैंक भी इसे खरीदने की कोशिश में है। जानिए आईडीबीआई बैंक के निजीकरण में क्या दिक्कतें है, विनिवेश को लेकर सरकार का प्लान क्या है और इसमें किसकी-कितनी हिस्सेदारी है?

अपडेटेड Nov 22, 2025 पर 1:48 PM
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केंद्र सरकार की योजना वित्त वर्ष 2026 के आखिरी तक IDBI Bank के निजीकरण को अंतिम रूप देने की है। अभी इसमें सरकार की 45.48% हिस्सेदारी है, जबकि 49.24% हिस्सेदारी देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC की है।

IDBI Bank Stake Sale: लंबे समय से आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की कोशिशें चल रही हैं। अब एक मीडिया रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओकट्री कैपिटल (Oaktree Capital) और फेयरफैक्स (Fairfax) के अलावा अब कोटक महिंद्रा बैंक ने भी इसमें बड़ी दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि यह भी ध्यान दें कि कोटक महिंद्रा बैंक ने अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है और न ही इससे इनकार किया है। मनीकंट्रोल भी इसके सत्यता की पुष्टि नहीं कर सकता है।

IDBI Bank के निजीकरण में क्या है दिक्कतें?

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण को लेकर सबसे अहम चिंता ये है कि इसका भारी-भरकम मार्केट कैप इस रास्ते का सबसे बड़ा ब्रेकर है। ₹1 लाख करोड़ से अधिक के मार्केट कैप के साथ किसी निवेशक के लिए 60% हिस्सेदारी की खरीदारी मुश्किल होगी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इक्विटी करेंसी के फायदे के साथ कोटक महिंद्रा बैंक पार्ट-इक्विटी, पार्ट-कैश मर्जर डील पर विचार कर सकता है।


विनिवेश को लेकर क्या है सरकार का प्लान?

केंद्र सरकार की योजना वित्त वर्ष 2026 के आखिरी तक आईडीबीआई बैंक के निजीकरण को अंतिम रूप देने की है। अभी इसमें सरकार की 45.48% हिस्सेदारी है, जबकि 49.24% हिस्सेदारी देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी की है। सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) को आईडीबीआई बैंक में 61% हिस्सेदारी बेचने का काम सौंपा गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दीपम सचिव ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी की बिक्री का ड्यू डिलिजेंस पूरा हो गया है और दिसंबर तक वित्तीय बोलियां मंगाने की योजना है। बता दें कि आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की योजना ऐलान सबसे पहले वर्ष 2022 में की गई थी।

कैसी है शेयरों की स्थिति?

आईडीबीआई बैंक के शेयर 13 जनवरी 2025 को ₹65.89 पर थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से यह नौ ही महीने में 62.38% उछलकर 31 अक्टूबर 2025 को ₹106.99 पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड हाई लेवल है। इसके शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो सितंबर 2025 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक इसमें प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 94.71% है जिसमें 49.24% होल्डिंग तो एलआईसी है। वहीं पब्लिक शेयरहोल्डर्स की हिस्सेदारी 5.29% है जिसमें 21 म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग 0.05%, 18 बैंकों की 0.01%, 7 बीमा कंपनियों की 0.05% और ₹2 लाख तक के निवेश वाले 6,80,203 खुदरा निवेशकों की 2.11% हिस्सेदारी है।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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