Market outlook : पिछले कुछ दिनों की बाजार की उथल-पुथल ने निवेशकों को परेशान और भ्रमित कर दिया है। 27 अक्टूबर को आए उछाल के बावजूद बीते हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5 फीसदी की गिरावट आई। ये दोनों इंडेक्स अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से लगभग 6 फीसदी नीचे कारोबार कर रहे हैं। अब सवाल ये है कि क्या इस गिरावट में बाजार में निवेस करना चाहिए या फिर अभी हमें और इंतजार करना चाहिए। आइए देखते हैं इस पर क्या है बाजार के दिग्गजों का राय।
बाजार में उछाल की उम्मीद, बिकवाली करने से बचें
इंडिया चार्ट्स के फाउंडर रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि ट्रेडर्स को इस समय शॉर्ट (बिकवाली) नहीं करना चाहिए क्योंकि जल्द एक उछाल की संभावना दिख रही है। लेकिन इस पुलबैक के बाद का बाजार उछाल पर बिकवाली वाला बाजार होगा। उनका कहना है कि इस कैलेंडर ईयर में निफ्टी के 20000 से ऊपर जाने की संभावना नहीं है। श्रीवास्तव ने ये भी कहा कि ये पुलबैक छोटे समय का और अस्थाई (डेट कैट बाउंस) होगा। इसके बाद बाजार फिर नीचे का रुख पकड़ लेगा।
बाजार पर अभी नहीं दिखा मध्यपूर्व के संघर्ष का पूरा असर
एवेंडस कैपिटल के एंड्रयू हॉलैंड का कहना है कि बाजार में पश्चिम एशिया के संघर्ष का पूरा असर नहीं दिखा है। बाजार पर अभी इसका और बुरा असर देखने को मिल सकता है। आगे इसके चलते बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिल सकती है। बाजार में और ज्यादा कमजोरी की संभावना है। ऐसे में निवेशकों को गिरावट पर खरीदारी का सुझाव देना भी मुश्किल है।
बाजार में स्थिरता आने का करें इंतजार, डिफेंसिव शेयरों और सेक्टर पर रहे नजर
बाजार जानकारों का कहना है कि निवेशकों को इस समय डिफेंसिव शेयरों और सेक्टरों पर ही दांव लगाना चाहिए। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उन्मेश शर्मा का कहना है लार्जकैप इस समय ज्यादा सुरक्षित लग रहे हैं। मिड और स्मॉल-कैप में आने वाले दिनों में करेक्शन देखने को मिल सकता है। निवेशकों को सलाह है कि कोई भी पोजीशन लेने से पहले बाजार के स्थिर होने का इंतजार करें।
ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के मिहिर वोरा का कहना है कि लार्जकैप का वैल्यूएशन कुछ हद तक अच्छा दिख रहा है। हालांकि हम स्मॉल और मिडकैप को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस समय निफ्टी कमोबेश अपने लॉन्ग टर्म एवरेज के करीब कारोबार कर रहा है। ये राहत की बात है। लेकिन मिड और स्मॉल-कैप के वैल्यूएशन महंगे दिख रहे। लेकिन इस सेगमेंट को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। इस सेगमेंट में अभी भी कई शेयर अच्छे दिख रहे हैं। संक्षेप में कहें तो इस स्तर पर मिडकैप में नई पूंजी न लगाएं और इस तूफान से निपटने के लिए अपने पोर्टफोलियो के मजबूत शेयरों के साथ बने रहें।
एसबीआई सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल का कहना है कि निवेशकों को इस समय बाजार स्थितियों के मुताबिक पोर्टफोलियो में लगातार फेरबदल करते रहने की जरूरत है। अगर इस समय आपके पोर्टफोलियो में ग्लोबल मार्केट पर निर्भर शेयर ज्यादा हैं तो जोखिम कम करने के लिए इनमें अपना निवेश घटाएं और और घरेलू खपत और इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों में अपना निवेश बढ़ाए। अमेरिका या चीन जैसी ग्लोबल इकोनॉमी का संकट एक्सपोर्ट आधारित शेयरों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।