Market outlook: गिरावट से डरना मना है, करेक्शन के बाद बाजार में आएगी जोरदार तेजी- एडलवाइस की रिपोर्ट

Market corrections : भारतीय बाजार में आए बड़े करेक्शनों पर नजर डालें तो मार्च-सितंबर 2015 में आया करेक्शन 188 दिन लंबा था। इस दौरान निफ्टी में 15 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, गिरावट के 1 साल बाद निफ्टी 18 फीसदी भागा था। इसी तरह फरवरी-मार्च 2020 में आया करेक्शन का दौर 40 दिन चला था

अपडेटेड Mar 15, 2025 पर 1:52 PM
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वित्त वर्ष 2010 में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 16.40 फीसदी थी। वहीं, DII की हिस्सेदारी 11.80 फीसदी थी। इसी तरह वित्त वर्ष 2014 में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 22.10 फीसदी थी। वहीं, DII की हिस्सेदारी 11.10 फीसदी थी

Edelwise Mutual Funds Report on Market : बाजार में गिरावट से निवेशकों का भरोसा हिल गया है, लेकिन गिरावट से निवेशकों को घबराने के जरूरत नही है। एडलवाइस की रिपोर्ट के मुताबिक करेक्शन के बाद बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। एडलवाइस की भारतीय बाजार पर आई इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 10 साल में भारतीय बाजार में 10 बड़े करेक्शन हुए हैं। कोई भी बड़ा करेक्शन 3 महीने से ज्यादा नहीं टिका है। US टैरिफ वॉर से भारत को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। दूसरे देशों के मुकाबले भारत का ट्रेड डेफिसिट काफी कम है। पिछले 10 साल में भारत की GDP ग्रोथ मजबूत रही है। दूसरे देशों के मुकाबले भारत की GDP ग्रोथ सबसे ज्यादा है।

भारतीय बाजार में बड़े करेक्शन

भारतीय बाजार में आए बड़े करेक्शनों पर नजर डालें तो मार्च-सितंबर 2015 में आया करेक्शन 188 दिन लंबा था। इस दौरान निफ्टी में 15 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं, गिरावट के 1 साल बाद निफ्टी 18 फीसदी भागा था। इसी तरह फरवरी-मार्च 2020 में आया करेक्शन का दौर 40 दिन चला था। इस दौरान निफ्टी 38 फीसदी टूटा था। करेक्शन के बाद अगले 1 साल में निफ्टी 88 फीसदी भागा था। जनवरी-मार्च 2022 में आया करेक्शन 49 दिन चला था इस दौरान निफ्टी 13 फीसदी टूटा था। करेक्शन के बाद अगले 1 साल में निफ्टी 12 फीसदी भागा था। अप्रैल-जून 2022 में आया करेक्शन 74 दिन चला था इस दौरान निफ्टी 15 फीसदी टूटा था। करेक्शन के बाद अगले 1 साल में निफ्टी 24 फीसदी भागा था। सितंबर 2024-मार्च 2025 में आया करेक्शन 168 दिन चला। इस दौरान निफ्टी 14 फीसदी टूटा। करेक्शन पूरा होने के बाद जोरदार तेजी की उम्मीद है।


पहली बार निवेश में FIIs से आगे हुए रिटेल निवेशक

वित्त वर्ष 2010 में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 16.40 फीसदी थी। वहीं, DII की हिस्सेदारी 11.80 फीसदी थी। इसी तरह वित्त वर्ष 2014 में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 22.10 फीसदी थी। वहीं, DII की हिस्सेदारी 11.10 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2020 में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 20.80 फीसदी थी। वहीं, DII की हिस्सेदारी 15.40 फीसदी थी। वहीं, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भारतीय बाजार में FII की हिस्सेदारी 17.40 फीसदी थी। जबकि इस अवधि में DII की हिस्सेदारी 18.20 फीसदी रही।

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अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट

दूसरे देशों के मुकाबले अमेरिका का भारत से होने वाला ट्रेड डेफिसिट काफी कम है। चीन के मुकाबले अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 295 अरब डॉलर है। वहीं, मैक्सिको के मुकाबले अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 172 अरब डॉलर है। वियतनाम के मुकाबले अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 124 अरब डॉलर है। वहीं, आयरलैंड के मुकाबले अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 87 अरब डॉलर है। जबकि, भारत के मुकाबले अमेरिकी का ट्रेड डेफिसिट 46 अरब डॉलर है।

एडेलवाइस के पसंदीदा सेक्टर

एडलवाइस को निवेश के लिहाज से कंज्यूमर ड्यूरेबल, कंज्यूमर सर्विस, कैपिटल गुड्स, FMCG और कंस्ट्रक्शन मटीरियल सेक्टर अच्छे लग रहे हैं।

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