Stock market : 4 अप्रैल को सभी सेक्टरों में आई बिकवाली के बीच भारतीय इक्विटी इंडेक्स भारी गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी आज 23,000 से नीचे बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 75,364.69 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 345.65 अंक या 1.49 फीसदी की गिरावट के साथ 22,904.45 पर बंद हुआ। लगभग 1081 शेयरों में तेजी आई, 2721 शेयरों में गिरावट आई और 131 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
निफ्टी पर सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील,हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स और सिप्ला शामिल रहे, जबकि सबसे ज्यादा लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस,टाटा कंज्यूमर, एचडीएफसी बैंक, अपोलो हॉस्पिटल्स और नेस्ले इंडिया शामिल रहे।
सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो मेटल इंडेक्स में 6.5 फीसदी की गिरावट आई, फार्मा इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट आई, रियल्टी इंडेक्स में 3.6 फीसदी की गिरावट आई, तेल एवं गैस इंडेक्स में लगभग 4 फीसदी की गिरावट आई। जबकि ऑटो,कंज्यूमर ड्यूरेबल्स , पावर, पीएसयू, मीडिया और आईटी इंडेक्सों में 2-3 फीसदी की गिरावट आई।
आज ब्रॉडर इंडेक्सों ने बेंचमार्क से कमजोर प्रदर्शन किया,बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 3 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.4 फीसदी की गिरावट आई।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक कंसोलीडेशन ब्रेकडाउन दिया है, जो मंदी का संकेत है। शुरुआत में निफ्टी को 22,900 के स्तर पर सपोर्ट मिला। हालांकि,सेंटीमेंट कमजोर बना हुए हैं। मौजूदा स्तर से और गिरावट आने से बाजार में करेक्शन बढ़ सकता है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि हाल ही में अमेरिका द्वारा अनुमान से अधिक टैरिफ लागू किए जाने से ग्लोबल बाजारों पर निगेटिव असर पड़ा है। इससे निवेशकों में मंदी का रुझान देखने को मिला है। अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की संभावना ने अनिश्चितता को और बढ़ा दिया है। आर्थिक मंदी के बढ़ते जोखिम से जुड़ी चिंताओं के कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और तेल की कीमतों में गिरावट का रुख है।
भारत पर अमेरिकी टैरिफ का असर दूसरे देशों की तुलना में कम रहने की उम्मीद है। चौथी तिमाही के नतीजों का मौसम नजदीक आ रहा है। चौथी तिमाही में कॉर्पोरेट परफॉर्मेंस में तिमाही आधार पर सुधार की उम्मीद है। हालांकि,मौजूदा कमजोर मार्केट सेंटीमेंट को देखने से लगता है कि निकट भविष्य में कंसोलीडेशन जारी रह सकता है।
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