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Market outlook : बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 30 दिसंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Market today : सेंसेक्स 226.59 अंक या 0.29 फीसदी बढ़कर 78,699.07 पर और निफ्टी 63.20 अंक या 0.27 फीसदी बढ़कर 23,813.40 पर बंद हुआ। आज लगभग 1866 शेयरों में तेजी आई, 1946 शेयरों में गिरावट आई और 113 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 27, 2024 पर 4:15 PM
Market outlook : बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 30 दिसंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल
Share Market : इस हफ्ते इंडेक्स के 23,700 के करीब पहुंचने पर हर बार तेजी से गिरावट आने बावजूद हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न का गठन हुआ है। ये बाजार में निहित तेजी की भावना का संकेत है

Stock market : 27 दिसंबर को भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए और निफ्टी 23,800 से ऊपर रहा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 226.59 अंक या 0.29 फीसदी बढ़कर 78,699.07 पर और निफ्टी 63.20 अंक या 0.27 फीसदी बढ़कर 23,813.40 पर बंद हुआ। आज लगभग 1866 शेयरों में तेजी आई, 1946 शेयरों में गिरावट आई और 113 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। डॉ रेड्डीज लैब्स, एमएंडएम, इंडसइंड बैंक, आयशर मोटर्स, बजाज फाइनेंस निफ्टी के टॉर गेनर रहे। जबकि हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, एसबीआई, ओएनजीसी, कोल इंडिया,भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में गिरावट आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ है जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.3 फीसदी बढ़त लेकर बंद हुआ है।

सेक्टरों में, ऑटो, फार्मा, मीडिया 0.4-1 फीसदी ऊपर बंद हुए हैं। जबकि रियल्टी, पीएसयू बैंक, तेल और गैस और मेटल इंडेक्स 0.5-1 फीसदी नीचे बंद हुए हैं।

फिडेंट एसेट मैनेजमेंट के संस्थापक और सीआईओ ऐश्वर्या दाधीच ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि पिछले तीन सालों में रिटर्न काफी मजबूत रहा है, इस कैलेंडर वर्ष में अब तक करीब आठ से नौ फीसदी रिटर्न मिला है। इसलिए शेष वर्ष के लिए बाजार का आउटलुत मध्यम रहने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा बाजार का प्रदर्शन काफी हद तक अर्निंग ग्रोथ पर निर्भर करेगा जिसके वित्त वर्ष 2025 के लिए चार से पांच फीसदी और वित्त वर्ष 2026 के लिए चौदह से 15 फीसदी रहने का अनुमान है।

उन्होंने आगे कहा कि जनवरी 2025 का प्रदर्शन तीसरी तिमाही के नतीजें से प्रभावित होगा। गोदरेज कंज्यूमर जैसे चुनिंदा अपवादों को छोड़कर अब तक कोई बड़ी चेतावनी सामने नहीं आई है। आईटी एक मजबूत शुरुआत कर सकता है। अगर बीएफएसआई और खपत वाल सेक्टर से सपोर्ट मिलता है तो तीसरी तिमाही अच्छी हो सकती है। हालांकि,नतीजों में कोई भी निगेटिव सरप्राइज वोलैटिलिटी को बढ़ा सकता है। बाजार के लिए महंगाई (खासतौर पर कृषि सेक्टर की महंगाई) और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर बड़े जोखिम हो सकते हैं। इनके चलते एफआईआई की बिक्री बढ़ सकती और इक्विटी मार्केट पर अतिरिक्त दबाव बना सकता है।

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