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Market Outlook : 2 दिनों की तेजी के बाद बाजार में गिरावट, जानिए 8 नवंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Market today : अच्छे ग्लोबल संकेतों के बावजूद वीकली एक्सपायरी वाले दिन भारतीय बाजारों ने कमजोर शुरुआत की और दिन भर निगेटिव रुझान के साथ सीमित दायरे में रहा। कारोबारी सत्र के अंत में निफ्टी 284.70 अंकों की गिरावट के साथ 24,199.35 के स्तर पर बंद हुआ

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 07, 2024 पर 4:06 PM
Market Outlook : 2 दिनों की तेजी के बाद बाजार में गिरावट, जानिए 8 नवंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
कारोबारी सत्र के अंत में निफ्टी 284.70 अंकों की गिरावट के साथ 24,199.35 के स्तर पर बंद हुआ। पीएसयू बैंकों को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए, जिनमें मेटल और फार्मा सबसे ज्यादा पिटे

Stock markets : 7 नवंबर को निफ्टी 24,200 के करीब बंद हुआ। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक आज लाल निशान में बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 836.34 अंक या 1.04 फीसदी की गिरावट के साथ 79,541.79 पर और निफ्टी 284.70 अंक या 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 24,199.30 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1733 शेयरों में तेजी आई, 2057 शेयरों में गिरावट आई और 93 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।नहिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ट्रेंट, श्रीराम फाइनेंस, टेक महिंद्रा और ग्रासिम इंडस्ट्रीज निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे। जबकि अपोलो हॉस्पिटल्स, एचडीएफसी लाइफ, एसबीआई, टीसीएस और एलएंडटी में सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की गई।

ऑटो, मेटल, पावर, टेलीकॉम, फार्मा, रियल्टी में 1-2 फीसदी की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 0.5 फीसदी की गिरावट आई। निफ्टी बैंक 401 अंक गिरकर 51,917 पर बंद हुआ है। वहीं, मिडकैप 247 अंक गिरकर 57,109 पर बंद हुआ है। सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयरों में गिरावट रही। वहीं, निफ्टी के 50 में से 45 शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी बैंक के 12 में से 9 शेयरों में गिरावट देखने को मिली।

8 नवंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है। लेकिन अगर वह अपनी बात पर अड़े रहते हैं और चीनी आयात पर 60 फीसदी टैरिफ और अन्य देशों से होने वाले आयात पर 10-20 फीसदी टैरिफ लगाते हैं, तो इससे महंगाई बढ़ेगी और महंगाई को नियंत्रित करने की फेड की नीति को नुकसान पहुंचेगा, जिससे फेड की ब्याज दरों में कटौती की वर्तमान नीति पर पुनर्विचार करना जरूरी हो जाएगा। इससे ग्लोबल इक्विटी मार्केट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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