Stock market : 17 अक्टूबर को भारतीय इक्विटी इंडेक्स लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए और निफ्टी 24,750 के करीब बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 494.75 अंक या 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 81,006.61 पर और निफ्टी 221.50 अंक या 0.89 फीसदी की गिरावट के साथ 24,749.80 पर बंद हुआ। लगभग 1199 शेयरों में तेजी आई, 2580 शेयरों में गिरावट आई और 101 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी में सबसे ज्यादा गिरावट बजाज ऑटो, श्रीराम फाइनेंस, हीरो मोटोकॉर्प, नेस्ले और एमएंडएम में रही, जबकि सबसे ज्यादा बढ़त टेक महिंद्रा, इंफोसिस, एलएंडटी, पावर ग्रिड कॉर्प और एसबीआई में रही। आईटी इंडेक्स (1 फीसदी की बढ़त) को छोड़कर, दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जिसमें ऑटो, मीडिया और रियल्टी में 2-3 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।
18 अक्टूबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि निफ्टी को 24,700-24,750 के जोन में शुरुआती सपोर्ट मिला है। डेली चार्ट पर, निफ्टी बियरिश फ्लैग पैटर्न से नीचे टूट गया है। ये निकट की अवधि में गिरावट का संकेत देता है। इसके साथ ही आरएसआई भी मंदी का क्रॉसओवर दिखा रहा है और नीचे तरफ गिर रहा है। हालांकि, यह शॉर्ट पोजीशन शुरू करने के लिए सही लेवल नहीं हो सकता, क्योंकि इंडेक्स में भारी करेक्शन हुआ है और यह अपने डबल-बॉटम सपोर्ट के करीब है। ऐसे में शॉर्ट टर्म में इसमें 25,000 की ओर रिकवरी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं, दूसरी तरफ अगर निफ्टी 24700 से नीचे फिसलता है तो बाजार में बड़ा करेक्शन देखने को मिल सकता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार का कहना है कि भारत में एफआईआई की बिक्री और डीआईआई की खरीदारी के दौर के बीच निफ्टी में 25000 के स्तर के आसपास कंसोलीडेशन जारी रहने की संभावना है। लिक्विडिटी के बल पर स्मॉलकैप में तेजी आना फिर से चिंता का विषय बन रहा है। आने वाले दिनों में दूसरी तिमाही के नतीजों के चलते स्टॉक-विशिष्ट एक्शन देखने को मिलेगा। नतीजों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है। गिरावट पर आईटी स्टॉक खरीदे जा सकते हैं।
मेहता इक्विटीज का प्रशांत तापसे का कहना है कि अमेरिका और यूरोप के मजबूत संकेतों के बावजूद बाजार में गिरावट जारी रही। विदेशी फंडों की बिकवाली के साथ-साथ हुंडई के आईपीओ के अंतिम दिन के सब्सक्रिप्शन से पहले ऑटोमोबाइल शेयरों में भारी गिरावट ने मार्केट सेंटीमेंट को चोट पहुंचाई। बाजार में महंगे वैल्यूएशन का दर्द हावी है। ऐसे में बैंकिंग, रियल्टी, मेटल और टेलीकॉम शेयरों में भी अच्छी खासी मुनाफावसूली हुई है।
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