Market outlook : आज खराब ग्लोबल संकेतों ने बाजार का मूड बिगाड़ा दिया। जिसके चलते सेंसेक्स-निफ्टी 1 फीसदी से ज्यादा गिरकर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली PSE,मेटल और एनर्जी शेयरों में रही है। ऑटो, बैंकिंग, रियल्टी शेयरों पर दबाव देखने को मिला है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट रही है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 677 अंक गिरकर 65783 पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 207 अंक गिरकर 19527 पर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक 597 अंक गिरकर 44,996 पर बंद हुआ है। मिडकैप 501 अंक गिरकर 37233 पर बंद हुआ है। आज निफ्टी के 50 में से 44 शेयरों में बिकवाली रही है। सेंसेक्स के 30 में से 28 शेयरों में गिरावट रही है। वहीं, निफ्टी बैंक के 12 में से 11 शेयरों में बिकवाली रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया 32 पैसे कमजोर होकर 82.58 पर बंद हुआ है।
ग्लोबल मार्केट के कमजोर रुझान के चलते भारतीय बाजार में भी गिरावट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल मार्केट के कमजोर रुझानों के चलते भारतीय बाजार में भी आज गिरावट आई और सभी सेक्टोरल इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। राजकोषीय स्थिति पर अमेरिकी रेटिंग में गिरावट की नकारात्मक खबर, यूरोजोन और चीन के मैन्यूफैक्चरिंग आंकड़ों में कमजोरी और अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़त के कारण बाजार पर दबाव बना। इसके अलावा एफआईआई की बिकवाली ने भी घरेलू बाजार के मूड को बिगाड़ दिया है।
3 अगस्त को कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि निफ्टी का हाल ही में अपने कंसोलीडेशन रेंज से नीचे खिसकना मंदी का संकेत है। निफ्टी अपने 21EMA से नीचे चला गया है, जिससे मंदी की संभावना प्रबल हो गई है। मोमेंटम इंडीकेटर आरएसआई भी के लिए गिरावट के ही संकेत दे रहा है। अब नीचे की तरफ निफ्टी के लिए 19500 पर सपोर्ट दिख रहा है। निफ्टी के 19500 से नीचे फिसलने पर और गिरावट आ सकती है। जबकि ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 19600 पर रजिस्टेंस दिख रहा है।
बीच-बीच में होती रहेगी मुनाफावसूली
कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान का कहना है कि एशियाई और यूरोपीय बाजारों में तेज बिकवाली को देखते हुए निवेशकों ने घरेलू बाजार में भी मुनाफावसूली की है। ऐसा लगता है कि पिछले महीने की रिकॉर्ड तेजी के बाद एफआईआई भी अब भारतीय इक्विट मार्केट में बिकवाली के मोड में आ रहे हैं । हाल के कारोबारी सत्रों में डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बांड यील्ड दोनों में बढ़त देखने को मिली है। इसका असर भारत सहित सभी इमर्जिंग मार्केट्स में महसूस किया जा रहा है। भारतीय बाजार महंगे भी हो गए हैं। इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में ब्याज दरों और महंगाई की दर को लेकर अभी भी बहुत अनिश्चितता है। ऐसे में निवेशक नियर से मिड टर्म में किसी जोखिम से बचने के लिए बीच-बीच में इस तरह की बिकवाली करते रहेंगे।
तकनीकी नजरिए से देखें तो 20-डे एसएमए (सिंपल मूविंग एवरेज) के सपोर्ट को टूटने के बाद बिकवाली का दबाव तेज हो गया है। लंबे समय के बाद, निफ्टी 20-डे एसएमए के नीचे बंद हुआ है और डेली चार्ट पर इसने एक लॉन्ग बियरिश कैंडल भी बनाया है जो काफी हद तक निगेटिव है। अब निफ्टी के लिए 19450 पर पहला सपोर्ट है। अगर निफ्टी 19450 के ऊपर टिके रहने में कामयाब रहता है तो फिर इसमें 19580-19600 तक की एक पुलबैक रैली देखने को मिल सकती है। वहीं, अगर निफ्टी 19450 के नीचे फिसल जाता है तो फिर ये गिरावट 19400-19375 तक बढ़ सकती है।
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