Stock Market : कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। आज मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली रही। रियल्टी,तेल-गैस औरफार्मा शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली। एनर्जी,ऑटो और PSE इंडेक्स भी गिरावट पर बंद हुए। वहीं, FMCG और IT इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 330 अंक गिरकर 76,190 पर बंद हुआ। निफ्टी 113 अंक गिरकर 23,092 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 221 अंक गिरकर 48,368 पर बंद हुआ। मिडकैप 836 अंक गिरकर 53,263 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में गिरावट रही। निफ्टी के 50 में से 32 शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। वहीं,निफ्टी बैंक के 12 में से 10 शेयरों में गिरावट रही।
स्टॉक्सबॉक्स के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट अमेय रानाडिवे का कहना है कि भारतीय बेंच मार्क इंडेक्सों ने अपनी शुरुआती बढ़त खो दी। इनके कारोबारी सत्र के शुरुआत में अच्छे ग्लोबल संकेतों का फायदा मिला था। मंदी की मुख्य वजह कॉर्पोरेट आय में नरमी की चिंताएं रही हैं। नतीजों में कमजोरी से उपजी निराशा ने तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी दर कटौती की उम्मीद के प्रभाव को काफी हद तक कम कर दिया। आज की गिरावट व्यापक आधार वाली रही। जिसमें स्मॉल कैप शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। बाजार में गिरावट के कारण आईटी और एफएमसीजी को छोड़कर 13 प्रमुख सेक्टरों में से 11 लाल निशान में बंद हुए। फार्मा और मीडिया शेयरों को सबसे ज्यादा दबाव का सामना करना पड़ा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। सेंटीमेंट इतना खराब है कि उम्मीदों के अनुरूप आने वाले नतीजे भी बिकवाली को बढ़ावा दे रहे हैं। ब्रॉडर मार्केट में दबाव है। लेकिन लार्ज कैप स्टॉक कुछ लचीलापन दिखा रहे हैं। टेपर-टैंट्रम से लेकर भू-राजनीतिक जोखिमों तक भारतीय बाजार ने अपने इतिहास में कई चुनौतियों का सामना किया है। इसी तरह, मार्केट यील्ड के स्थिर होने के बाद अमेरिकी डॉलर की चाल भी उलट सकती है। बाजार में लंबे समय तक मंदी कायम नहीं रहेगी। लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए,यह बेचने का समय नहीं है,बल्कि धैर्य रखने और धीरे-धीरे खरीदारी करते रहने की रणनीति अपनाने का समय है।
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