Stock market : अमेरिकी टैरिफ घोषणाओं के बाद 3 अप्रैल को भारतीय इक्विटी इंडेक्स में गिरावट आई और निफ्टी 23,250 के आसपास रहा। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 322.08 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,295.36 पर और निफ्टी 82.25 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,250.10 पर बंद हुआ। आज लगभग 2724 शेयरों में तेजी आई, 1119 शेयरों में गिरावट आई और 132 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी पर टीसीएस,एचसीएल टेक्नोलॉजीज,टेक महिंद्रा,इंफोसिस और ओएनजीसी टॉप लूजर रहे। जबकि पावर ग्रिड कॉर्प,सन फार्मा,अल्ट्राटेक सीमेंट,सिप्ला और श्रीराम फाइनेंस आज के टॉप गेनर रहे।
बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.3 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी ऊपर बंद हुए। सेक्टोरल फ्रंट पर आईटी इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली । ऑटो इंजेक्स में 1 फीसदी की गिरावट आई। जबकि फार्मा इंडेक्स में 2 फीसदी की बढ़त हुई। पीएसयू बैंक इंडेक्स में 1.9 फीसदी की बढ़त हुई। वहीं, पावर इंडेक्स में 1.8 फीसदी की तेजी आई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि वीकली एक्सपायरी वाले दिन बाजार में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण कमजोर ग्लोबल संकेत रहे। अमेरिकी टैरिफ एलान के बाद निफ्टी इंडेक्स में गिरावट आई। लेकिन चुनिंदा हैवीवेट शेयरों में मजबूती के कारण इसमें कुछ रिकवरी हुई। इससे शुरुआती कारोबार में नुकसान कम करने में मदद मिली। 23,250.10 पर बंद होने से पहले निफ्टी आज सीमित दायरे में घूमता रहा। सेक्टोरल इंडेक्सों के रुझान मिले-जुले रहे। फार्मा और बैंकिंग, खास तौर पर पीएसयू बैंकों ने बेहतर प्रदर्शन किया,जबकि आईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली दिखी। हालांकि,छोटे-मझोले शेयरों ने अपनी मजबूती बरकरार रखी। इसके चलते मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।
अमेरिकी टैरिफ के को लेकर बाजार की नपी-तुली प्रतिक्रिया भारत और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड वार्ताओं से जुड़ी उम्मीदों को दर्शाती है। इसके साथ ही भारत की तुलना में ज्यादा टैरिफ के कारण दूसरे देशों पर ट्रंप टैरिफ का ज्यादा असर हो सकता है। इससे भारतीय निर्यात पर इसका प्रभाव कम हो सकता है।
तकनीकी नजरिए से देखें तो ट्रेडरों को 23,100 पर स्थित 20-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (DEMA) पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए। इस स्तर से नीचे जाने पर बिक्री दबाव बढ़ सकता है और निफ्टी 22,800 की गिर सकता है। इसके विपरीत,इस स्तर से ऊपर बने रहने तक निफ्टी में रेंज बाउंड मूवमेंट देखने को मिल सकता। इस कंसोलीडेशन के बीच अगल-अलग सेक्टरों में चुनिंदा पॉकेट्स में मज़बूती दिख रही हैं। जब तक कोई स्पष्ट संकेत न मिले तब तक स्टॉक स्पेसिफिक मौके खोजने पर फोकस करें।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि घरेलू बाजार में शुरुआत में रिकवरी के संकेत दिखे, लेकिन अमेरिकी में भारत से होने वाले आयात पर अपेक्षाकृत कम 26 फीसदी टैरिफ के ऐलान के बाद बाजार हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। अमेरिकी में मंदी की आशंका और सप्लाई चेन में बाधा के कारण आईटी और ऑटो सेक्टर में बिकवाली का दबाव रहा। दूसरी तरफ टैरिफ से छूट मिलने से फार्मास्यूटिकल शेयरों को लाभ हुआ। इसके अलावा मजबूत घरेलू मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों और कच्चे तेल की कम कीमतों में नरमी ने बाजार को सपोर्ट किया। हालांकि टैरिफ से शॉर्ट टर्म चुनौतियां होंगी लेकिन भारत की आर्थिक मजबूती और द्विपक्षीय व्यापार समझौते ट्रंप टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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