Stock markets: खराब ग्लोबल संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार आज नीचे से अच्छी रिकवरी हसिल करते हुए बंद हुए हैं। 11 मार्च के उठापटक भरे कारोबारी सत्र में भारतीय इक्विटी इंडेक्स सपाट बंद हुए हैं। निफ्टी 2,500 के बहुत ही करीब बंद हुआ है। हालांकि सेंसेक्स हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ है। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 12.85 अंक या 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,102.32 पर और निफ्टी 37.60 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,497.90 पर बंद हुआ है। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.7 प्रतिशत बढ़ा है। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
निफ्टी पर सबसे ज्यादा लाभ में रहने वाले शेयरों में ट्रेंट, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, श्रीराम फाइनेंस, बीपीसीएल शामिल रहे। जबकि नुकसान में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व, पावर ग्रिड कॉर्प, एमएंडएम शामिल रहे। अलग-अलग सेक्टरों की बात करें तो मेटल, रियल्टी, टेलीकॉम, तेल एवं गैस में 0.5-3 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि ऑटो, आईटी, बैंक में 0.3-0.7 फीसदी की गिरावट आई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि बेंचमार्क इंडेक्स कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच सुस्ती के साथ खुला। लेकिन 22,330 के तात्कालिक सपोर्ट स्तर से जल्दी ही वापसी देखने को मिली। कारोबारी सत्र के मध्य तक सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद बंद होने के कुछ देर पहले अचानक आए उछाल ने इंडेक्स को 37.60 अंकों की बढ़त के साथ 22,497.90 पर क्लोज होने में सहायता दी। सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो रियल्टी 3 फीसदी से अधिक की बढ़त के साथ टॉप गेनरों में रहा। उसके बाद मेटल का नंबर रहा। दूसरी तरफ बैंक निफ्टी और आईटी शेयरों की पिटाई हुई।
ब्रॉडर मार्केट में मिलजुला रुझान रहा मिडकैप इंडेक्स में 0.60% से ज्यादा की बढ़त हुई। इसने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया। जबकि स्मॉलकैप में लगभग 1 फीदी की गिरावट आई। जैसा कि पहले बताया गया है, निफ्टी ने 22,330 के सपोर्ट स्तर का सफलतापूर्वक बचाव किया है। यह निकट भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण स्तर बना हुआ है। अपनी ऊपर मजबूती हासिल करने के लिए निफ्टी को 22,620-22,730 के रजिस्टेंस जोन को पार करना होगा।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुआ। चुनिंदा शेयरों में हुई खरीदारी के कारण बेंचमार्क निफ्टी ने अपने नुकसान की भरपाई करली। एशियाई और अमेरिकी बाजारों में कमजोरी के चलते सतर्कता का माहौल बना रहा। इसके अलावा वोलेटाइल करेंसी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बीच एफआईआई की बिकवाली भी निवेशकों को जोखिम से दूर रहने के लिए प्रेरित कर ही है।
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