Share markets : 3 अक्टूबर को भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 24,900 पर पहुंच गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 223.86 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 81,207.17 पर और निफ्टी 57.95 अंक या 0.23 प्रतिशत बढ़कर 24,894.25 पर बंद हुआ। लगभग 2592 शेयरों में तेजी, 1411 शेयरों में गिरावट और 132 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। टाटा स्टील, पावर ग्रिड कॉर्प, हिंडाल्को, एक्सिस बैंक और एलएंडटी निफ्टी के टॉप गेनर रहे। जबकि मैक्स हेल्थकेयर, कोल इंडिया, मारुति सुजुकी, टेक महिंद्रा और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे।
फार्मा, रियल्टी, एफएमसीजी को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। मेटल इंडेक्स में लगभग 2 फीसदी की बढ़त हुई। पीएसयू बैंक में 1 फीसदी की बढ़त हुई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.8 फीसदी तथा स्मॉलकैप इंडेक्स में 1 फीसदी की बढ़त हुई।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एलकेपी सिक्योरिटीज के टेक्निकल एनालिस्ट वत्सल भुवा का कहना है कि शुक्रवार के कारोबारी सत्र में निफ्टी इंडेक्स मजबूती जारी रही। निफ्टी आज अपने शॉर्ट टर्म रेजिस्टेंस स्तर के ऊपर बंद हुआ। इंडेक्स ने अपने 100-डे ईएमए 24,750 के पास सपोर्ट हासिल किया है और 50-डे ईएमए के आसपास इसकी मजबूत क्लोजिंग हुई है। डेरिवेटिव आंकड़ों पर नजर डालें तो 24,800 पर भारी पुट राइटिंग इस लेवल पर एक मजबूत सपोर्ट बेस का संकेत है। जबकि 25,000 पर हाइएस्ट ओआई इस लेवल पर रेजिस्टेंस होने का संकेत दे रहा है। कुल मिलाकर, निफ्टी के 24,750-25,100 के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है, जिसमें 24,750 पर सपोर्ट और 25,000-25,100 पर रेजिस्टेंस होगा।
बोनान्ज़ा में रिसर्च एनालिस्ट अभिनव तिवारी का कहना है कि आज के मार्केट एक्शन से पता चलता है कि शुरुआती बिकवाली के दबाव और निवेशकों की सतर्कता के बावजूद, बाजार ने मजबूती दिखाई और अंत में बढ़त के साथ बंद हुआ। इससे पता चलता है कि निवेशकों को अभी भी मौजूदा क्रेडिट ग्रोथ की कहानी पर भरोसा है और वे मेटल और बैंकिंग जैसे सेक्टरों को लेकर बुलिश हैं। मौजूदा इकोनॉमिक साइकिल में इनसे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद नजर आ रही है।
अब निवेशकों की नजर कंपनियों के नतीजों और आरबीआई की मौद्रिक नीति के असर पर रहेगी। कुल मिलाकर बाजार का रुझान सतर्कता बनाए रखते हुए तेजी का है। घटते इंडिया VIX से पता चलता है कि वोलैटिलिटी भी नियंत्रण में है। ग्लोबल मार्केट कुल मिलाकर पॉजिटिव बने हुए हैं। क्रेडिट डिमांड में तेजी, बुनियादी ढांचे पर होने वाले सरकारी खर्च में बढ़त और त्योहारी सीज़न की खरीदारी बढ़ने से आने वाले दिनों में बाजार में बढ़त देखने को मिल सकती है।
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