Trading Plan : इस सप्ताह ने त्यौहारी माहौल में उम्मीद और उत्साहपूर्ण भावना के साथ संवत 2082 का स्वागत किया। हालांकि, धीरे-धीरे शुरुआती तेजी धीमी पड़ गई। भू-राजनीतिक तनाव और मुनाफावसूली ने निवेशकों के जोश को कम कर दिया। रिकॉर्ड त्योहारी बिक्री ने इस मौसम में भारत में उपभोक्ता मांग में बढ़त के संकेत दिए हैं। जीएसटी कटौती और बढ़ते घरेलू खर्च असर दिखने लगा है। दूसरी तिमाही के उम्मीद से बेहतर नतीजों ने बाजार में जोश भरने का काम किया है। सरकारी बैंक बाजार की हालिया तेजी को लीड कर रहे हैं। तेजी के अगले दौर के पहले अब बाजार में हल्के कंसोलीडेशन की संभावना दिख रही है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बुलियन मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और मुनाफावसूली के चलते कल सोने में एक दशक से ज्यादा की एक दिन की गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंधों के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से उछाल आया, जिससे ग्लोबल सप्लाई में कमी और महंगाई की नई चिंता पैदा होने की आशंका बढ़ गई हैं। इसका भारत पर खराब अलर पड़ सकता है, क्योंकि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें राजकोषीय घाटे को बढ़ा सकती हैं और आयात बिल पर दबाव डाल सकती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के घटनाक्रमों पर नज़र बनाए हुए हैं। दोनों पक्ष समझौते को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच रहे हैं। ग्लोबल बाजार का रुख मुख्य रूप से अगले सप्ताह फेड और ईसीबी द्वारा लिए जाने वाले ब्याज दरों के फ़ैसलों पर निर्भर करेगा,इससे निकट भविष्य में बाज़ार की दिशा तय होने की उम्मीद है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि वीकली चार्ट पर निफ्टी ने लॉन्ग अपर शैडों के साथ एक छोटी निगेटिव कैंडल बनाई,जो ऊपरी स्तरों पर कंसोलीडेशन का संकेत दे रही है। निफ्टी का ओवरऑल नियरटर्म ट्रेंड पॉजिटव बना हुआ है, लेकिन बाजार शॉर्ट टर्म बेसिस पर बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है। यहा से आगे की कमजोरी में निफ्टी के लिए 25600-25500 के स्तर के आसपास बड़ा सपोर्ट हो सकता है। ऐसे में अगले सप्ताह गिरावट पर खरीदारी के अवसर हो सकते हैं। निफ्टी के लिए तत्काल रेजिस्टेंस 25950 पर है।
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