Experts views : बाजार की आगे कि दशा और दिशा पर बात करते हुए वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के सीनियर डायरेक्टर और इक्विटी हेड विपुल भोवार ने कहा कि संवत 2081 के कमजोर प्रदर्शन के बाद संवत 2082 इक्विटी बाजारों के लिए सबसे अच्छे सालों में से एक साबित हो सकता है? इसके जवाब में विपुल भोवार ने कहा कि हाल के कंसोलीडेशन काल को एक हेल्दी बेस फॉर्मेशन फेज के रूप में देखा जाना चाहिए जिससे बाजार में अगले चरण की तेजी का रास्ता साफ होगा। निकट भविष्य में अर्निंग्स में सुधार और वैल्यूएशन के अच्छे होने के उम्मीद साथ, संवत 2081 के दौरान हुए कंसोलीडेशन ने एक मजबूत आधार तैयार कर लिया है। उनका मानना है कि संवत 2082 में अच्छी अर्निंग ग्रोथ के संकेत मिल रहे हैं। अब बाजार नई तेजी के लिए तैयार है। नए संवत में बाजार डबल डिजिट रिटर्न दे सकता है।
दूर होगी टेक्नोलॉजी शेयरों की कमजोरी
विपुल भोवार का कहना है कि टेक्नोलॉजी सेक्टर वर्तमान में मौसमी की मौसमी फैक्टर्स, जैसे कि छुट्टियां, सतर्क डिस्क्रिशनरी खर्च पैटर्न और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण शॉर्ट टर्म चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि, उद्योग जगत की भीतर की हलचल से संकेत मिल रहा है कि मांग में कमी का सबसे मुश्किल दौर शायद अब पीछे छूट गया है।
बढ़ते डिजिटलीकरण, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग स्किल की बढ़ती ज़रूरत, फ़ेडरल रिज़र्व की तरफ से ब्याज दरों में संभावित कटौती और भारतीय रुपये के अवमूल्यन जैसे कारकों के चलते 2025 और उसके बाद के सालों में इस सेक्टर के रेवेन्यू में बढ़त होने और आय में रिकवरी आने की उम्मीद है। इससे आगे इस सेक्टर में मजबूती लौटती दिख सकती है।
कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी शेयरों में आएगी तेजी
कंज्यूमर स्टेपल्स और कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी पर आपका क्या नज़रिया है? फ़िलहाल आप किस सेगमेंट को ज़्यादा पसंद करते हैं? इस पर बात करते हुए विपुल भोवार ने कहा कि खाने-पीने की चीजों और घरेलू सामान जैसे जरूरी चीजों की हमेशा ज़रूरत रहती है, चाहे अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा भी हो। ऐसे में भारत में रोजमर्रा ती वस्तुओं (कंज्यूमर स्टेपल्स) की मांग स्थिर रही है। यही कारण है कि कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर लागातार ग्रोथ और मजबूत प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। वहीं, दूसरी ओर कंज्यूमर डिस्क्रिप्शनरी शेयरों में कार, कपड़े, ट्रैवल और मनोरंजन जैसी गैर-ज़रूरी वस्तुएं और सेवाएं शामिल होती हैं। यह सेक्टर तब अच्छा प्रदर्शन करता है जब लोग आत्मविश्वास से भरे होते हैं और उनके पास अतिरिक्त खर्च करने लायक कमाई होती है।
भारत का भविष्य बेहतर जीवनशैली और बढ़ती आकांक्षाओं के लिए तैयार है। जैसे-जैसे लोगों की आय बढ़ेगी। कारों, स्टाइलिश कपड़ों और विभिन्न सेवाओं पर ज्यादा खर्च होगा आय में तेज़ बढ़त से आगे हमें उपभोग स्तर में भी बढ़त देखने को मिलेगी। कंज्यूमर डिस्क्रिप्शनरी सेक्टर देश की आर्थिक प्रगति को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
RBI अगली नीतिगत बैठकों में सतर्क लेकिन स्थिर रुख अपनाए रखेगा
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पूर्वानुमान को अपग्रेड किया है। इसने पिछले 6.5 प्रतिशत की तुलना में 6.8 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान लगाया है। यह पॉजिटिव बदलाव मज़बूत घरेलू मांग, मजबूत सर्विस सेक्टर, बढ़ते निजी निवेश और अच्छे मानसून और सरकारी खर्च में बढ़त के चलते ग्रामीण उपभोग स्तर में आई मजबूती की वजह से हुआ है। ऐसे में लगता है कि आरबीआई अपनी आगामी नीतिगत बैठकों में सतर्क लेकिन स्थिर रुख अपनाए रखेगा। यह संतुलित रणनीति बाहरी अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। आरबीआई का फोकस अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा दबाव का जोखिम उठाए बिना हेल्दी ग्रोथ रेट को बनाए रखना है।
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