Market View: शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता और थोड़े रिस्क जरुर, लेकिन ओवरऑल मार्केट को लेकर नजरिया सकारात्मक

विशाल बिरैया ने कहा कि मार्केट को लेकर पॉजिटिव नजरिया बना हुआ है। हालांकि शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता और थोड़े रिस्क हैं। गवर्नमेंट स्पेंडिंग को लेकर कंसर्न बना हुआ है। GDP का 60% कंजम्पशन से आता है। इकोनॉमी ग्रोथ में कंजम्पशन का बड़ा योगदान है। प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में कम निवेश है। ग्लोबल इकोनॉमी में भी थोड़ी अनिश्चितता बनी हुई

अपडेटेड May 31, 2025 पर 11:59 AM
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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मॉनसून जरूरी है। मॉनसून को लेकर IMD, Skymet के अच्छे अनुमान दिए है।

Market View: वीकली आधार पर बाजार के लिए ये हफ्ता मिलाजुला रहा। जहां बेंचमार्क इंडेक्स गिरे, वहीं ब्रॉर्डर मार्केट में तेजी रही। वीकली आधार पर बाजार में लगातार दूसरे हफ्ते गिरावट रही। सेंसेक्स 0.33 फीसदी और निफ्टी 0.41 फीसदी टूटा है। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और Bandhan Business Cycle की स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए बंधन एएमसी(Bandhan AMC) के VP–Equities विशाल बिरैया(Vishal Biraia) ने कहा कि मार्केट को लेकर पॉजिटिव नजरिया बना हुआ है। हालांकि शॉर्ट टर्म में अनिश्चितता और थोड़े रिस्क हैं। गवर्नमेंट स्पेंडिंग को लेकर कंसर्न बना हुआ है। GDP का 60% कंजम्पशन से आता है। इकोनॉमी ग्रोथ में कंजम्पशन का बड़ा योगदान है। प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर में कम निवेश है। ग्लोबल इकोनॉमी में भी थोड़ी अनिश्चितता बनी हुई। टैरिफ वॉर को लेकर कंसर्न है।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मॉनसून जरूरी है। मॉनसून को लेकर IMD, Skymet के अच्छे अनुमान दिए है। अच्छे मॉनसून से कई फसलों की पैदावार बढ़ेगी और एग्री, महंगाई से लेकर बिजली की खपत कम होगी। अच्छे मॉनसून से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। छोटे शहरों में कंजम्पशन बढ़ेगा।

रूरल में किन सेक्टर की डिमांड? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कपड़ों से जुड़े सेक्टर की डिमांड में तेजी है। रूरल एरिया में FMCG सेक्टर की ग्रोथ बढ़ी है। ब्यूटी, एक्सेसरीज की डिमांड पहले से ज्यादा है। फाइनेंशियल सेक्टर में तेजी की उम्मीद है। अच्छे मॉनसून से फूड इन्फ्लेशन में कमी संभव है।


Bandhan Business Cycle फंड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिजनेस साइकिल फंड एक तरह के थीमैटिक फंड हैं, जो दूसरे थीमैटिक फंड से कई मायनों में अलग है। पोर्टफोलियो में कुछ चुनिंदा सेक्टर होते हैं। ग्रोथ वाले सेक्टर में निवेश करें। साइकिल में ग्रोथ, मंदी और रिकवरी के सभी फेज शामिल है। साइकिल के विभिन्न फेज के आधार पर कंपनियों में निवेश किया है। इकोनॉमी साइकिल के विभिन्न फेज के आधार पर निवेश किया है। बिजनेस साइकिल के आधार पर निवेश करते है। सही सेक्टर को आइडेंटिफाई करना जरूरी है। इसमें सेक्टर्स का रोटेशन होता रहता है ।

बिजनेस साइकिल फंड में फंड मैनेजर के हिसाब से शेयर्स का सेलेक्शन होता है। सभी तरह के सेक्टर, मार्केट कैप वाले स्टॉक्स में निवेश किया जाता है। आर्थिक स्थिति के हिसाब से सेक्टर में बदलाव किया जाता है। रिस्क को आसानी से मैनेज करने में सक्षम होता है।

इस फंड में इरिगेशन, सीवेज ट्रीटमेंट, वॉटर हैंडलिंग, बिजली का उत्पादन, ट्रांसमिशन से जुड़े क्षेत्र शामिल है। अगले कुछ सालों में इस सेक्टर में ग्रोथ संभव है। निवेश की संभावनाओं से लेकर रिस्क को समझा होता है। फंड में 3-5 साल के लिए निवेश की सलाह होगी।

किन सेक्टर में निवेश? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इंफ्रा सेक्टर को लेकर पॉजिटिव नजरिया बना हुआ है। इंफ्रा, इंडस्ट्रियल स्पेस में ओवरवेट है। इस स्पेस में आगे बेहतरीन मौके मिलेंगे। हमारा फाइनेंशियल सेक्टर में एक्सपोजर ज्यादा है। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में निवेश किया है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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