भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर बाजार पर भी दिख रहा है। हालांकि निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी है, लेकिन VOLATILITY काफी बढ़ गई है। इस बाजार में निवेशकों को क्या करना चाहिए? इस पर बात करते हुए ASK इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के डिप्टी CIO सुमित जैन का कहना है कि बाजार में ग्लोबल कारणों से उतार-चढ़ाव बना रहेगा। बाजार में वौलेटिलिटी ज्यादा रहने के चलते अब बाजार में निवेशकों को अपने निवेश का तरीका बदलना चाहिए। हमें उन बिजनेस पर फोकस करना होगा जो इनहेरिटेंस स्ट्रेंथ ज्यादा है।
लॉन्ग टर्म के लिहाज से देखें तो जिन कंपनियों के मैन्यूफैक्चरिंग इंडिया में है उस स्पेस में अर्निंग काफी बेहतर आने की उम्मीद है। इलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंग, फार्मा, डॉमेस्टिक डिस्क्रिशनरी बिजनेस के अर्निंग बेहतर आने की उम्मीद है।
सुमित जैन ने आगे कहा कि हेल्थकेयर स्पेस काफी अच्छा लग रहा है। हेल्थकेयर स्पेस में आगे स्थिरता दिखाई देगी। हॉस्पिटल स्पेस में भी ग्रोथ रेट बेहतर आने की उम्मीद है। भारत में हॉस्पिटल स्पेस कंपनियों के बिजनेस की बैलेंसशीट पहले से काफी काफी बेहतर है।
पैसेंजर व्हीकल में वॉल्यूम ग्रोथ पर दबाव
ऑटो स्पेस पर बा करते हुए सुमित जैन ने कहा कि पैसेंजर व्हीकल स्पेस में कुछ समय से वॉल्यूम ग्रोथ को लेकर चुनौतियां बनी हुई है। वहीं लिस्टेड कंपनियों के शेयर देखें तो मार्केट शेयर में बहुत ज्यादा ग्रोथ नहीं दिखा। इस स्पेस में मार्जिन में दबाव बना रहेगा और वौलेटिलिटी भी जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि टू-व्हीलर स्पेस में आगे मौके काफी बनते दिखाई दे रहे है।
एफएमसीजी सेक्टर में बहुत फास्ट ग्रोथ संभव
एफएमसीजी सेक्टर में बहुत फास्ट ग्रोथ नहीं आ सकती है। एफएमसीजी कंपनियां मार्जिन अभी तक बचा पाई थी क्योंकि उन्होंने खर्च में कटौती की थी, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं चल सकता । डबल डिजिट ग्रोथ प्रॉफिट लंबे समय तक लाना यह मुश्किल है। जिसके चलते स्टेपल, आईटी सेक्टर में बड़ी ग्रोथ थोड़ा मुश्किल रह सकता है।
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