Market Views: 14 अगस्त को बाजार में आज दबाव रहा। सेंसेक्स- निफ्टी की फ्लैट क्लोजिंग हुई। सेंसेक्स 58 प्वाइंट चढ़ा तो निफ्टी ने 12 प्वाइंट की बढ़त ली। वहीं निफ्टी बैंक भी थोड़ी बढ़त लेने में कामयाब रहा, तो वहीं मिडकैप इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और आउटलुक पर बात करते हुए Mirae Asset Invt Managers (India) वृजेश कसेरा (Vrijesh Kasera) ने कहा कि जियो पॉलिटिकल सिचुएशन पर नजर बनी हुई। डोमेस्टिक मैक्रो सिचुएशन पर फोकस करें। अर्निंग सीजन और कंपनियों का प्रदर्शन रहा।
ग्लोबल जियोपॉलिटिकल सिचुएशन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि US ने भारत पर कुल मिलाकर 50% टैरिफ है। एशियन देशों की तुलना में भारत पर दोगुना टैरिफ लगा। टेक्सटाइल और ज्वेलरी सेक्टर पर सीधा असर देखने को मिलेगा। US -भारत का कुल एक्सपोर्ट GDP के लगभग 2% पर रहा। जबकि GDP ग्रोथ पर शॉर्ट टर्म में असर देखने को मिला। GDP ग्रोथ पर लंबी अवधि में असर सीमित मिली।
डोमेस्टिक मैक्रो सिचुएशन पर बात करते हुए कहा कि क्रेडिट ग्रोथ पर चिंता थी, लिक्विडिटी पर कंसर्न था। भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे स्थिर हो रही है। अभी क्रेडिट ग्रोथ 9–10% के बीच है। आगे क्रेडिट ग्रोथ में सुधार की उम्मीद है।
रूरल मार्केट पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ क्वार्टर से अच्छी ग्रोथ दिख रही है। इस साल बारिश अच्छी होने से पॉजिटिव रहा। एग्रीकल्चल, रूरल इकोनॉमी को फायदा मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में आमदनी बढ़ाने पर फोकस रहेगा जबकि रूरल ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है। पिछले साल थोड़ा स्लोडाउन रहा । इस साल टैक्स बेनिफिट का फायदा होगा। RBI के क्रेडिट सुधार से फायदा दिखेगा। अगले 5–6 महीनों में कंजम्प्शन में सुधार दिखेगा।
अर्निंग सीजन पर बात करते हुए अर्निंग सीजन पिछले सीजन की तुलना में बेहतर रहा। निफ्टी कंपनियों के नतीजे उम्मीद से अच्छे रहे। थोड़ा अर्निंग कट हुआ, लेकिन यह बहुत मामूली है। FY26 में लगभग 2% अर्निंग कट का अनुमान है जबकि FY27 की अर्निंग्स स्थिर रहने की उम्मीद है। कुछ सेक्टर्स अभी भी महंगे हैं। पूरे मार्केट को अभी सस्ता नहीं कहा जा सकता । पिछले 1 साल में मार्केट लगभग फ्लैट रहा है। पिछले 1 साल में टाइम करेक्शन हुआ है। निफ्टी का वैल्यूएशन अभी 19x पर है। लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी को ध्यान में रखकर निवेश करें। मार्केट में बने रहें, लेकिन सेलेक्टिव अप्रोच अपनाएं। एकमुश्त निवेश से बचें, STP के जरिए निवेश करें।
बैंकिंग और फाइनेंशियल्स सेक्टर पर फोकस करें। प्राइवेट बैंक्स में एक्सपोजर ज्यादा है जबकि अर्बन कंजम्पशन पर बुलिश नजरिया है। हेल्थकेयर सेक्टर पर फोकस रहा। मेटल्स स्पेस में पोजिटिव व्यू है। वहीं IT सेक्टर में कम एसक्सपोजर रहा जबकि FMCG स्पेस में अंडरवेट नजरिया है। IT सेक्टर में पहले से अंडरवेट थे। करेक्शन के बाद धीरे-धीरे अंडरवेट हुए।
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि बैंक के बाद सबसे ज्यादा एक्सपोजर रहा। ज्यादातर फोकस OEMs पर है। खासकर 2 व्हीलर स्पेस में एक्सपोजर ज्यादा है। 2 व्हीलर स्पेस में एक्सपोर्ट पर डिपेंडेंसी कम है।
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