Market views: बाजार के लिए अगले 4-6 हफ्ते रहेंगे काफी मुश्किल, 21800 तक गिर सकता है निफ्टी

अभी तक उम्मीद थी कि अगर डॉलर वीक होगा और डॉल इंडेक्स 106 के नीचे टूटेगा तो उभरते बाजारों में विदेशी निवेश आना चाहिए। लेकिन भारत में अभी तक तो विदेशी निवेश आया नहीं है। अगर डॉलर इंडेक्स कमजोर हुआ फिर भी हमारे बाजारों में कमजोरी आई तो मार्च के अंत तक बाजार में काफी पैनिक फैल सकता है

अपडेटेड Feb 24, 2025 पर 11:33 AM
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Market Outlook : अनु जैन का मानना है कि अगली तिमाही से बड़े अच्छे नतीजों की उम्मीद नहीं है। बाजार में बॉटम किस स्तर पर बनेगा ये कहना अभी मुश्किल है

कमजोर ग्लोबल संकेत बाजार पर हावी नजर आ रहे हैं। निफ्टी करीब 250 अंक फिसलकर 22600 के नीचे आ गया है। बैंक निफ्टी में करीब 550 अंकों की गिरावट है। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी एक-एक परसेंट कमजोर हैं। IT सेक्टर में सबसे तगड़ी बिकवाली आई है। निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 2.5 फीसदी गिरा है। LTTS 5 फीसदी गिरकर वायदा का टॉप लूजर बना है। साथ ही एम्फैसिस, पर्सिस्टेंट और विप्रो भी 3-4 फीसदी नीचे हैं। वहीं कैपिटल गुड्स और रियल्टी में भी दबाव है। लेकिन फार्मा और चुनिंदा ऑटो में हल्की खरीदारी देखने को मिल रही है। ऐसे में मार्केट पर खास चर्चा के लिए 360 One की प्रेसिडेंट अनु जैन जुड़ी।

अनु जैन ने कहा कि शुक्रवार को निफ्टी ने जिस तरह से 22700 का स्तर तोड़ दिया और आज जिस तरह से आज आईटी और बैंक दोनों इंडेक्स टूट रहे हैं उसको देखते हुए लग रहा है कि निफ्टी के लिए अब पहला सपोर्ट 22300 पर है। ये सपोर्ट भी टूटा तो अगला बड़ा सपोर्ट 21800 पर होगा। मुड़ने को तो मार्केट कहीं से भी मुड़ सकता है लेकिन पिछले दो हफ्ते से बाजार के दो मेन सेक्टर आईटी और बैंकिंग निफ्टी जिस तरह से टूट रहे हैं उसको देख कर संकेत मिल रहा है कि निफ्टी 21800 तक गिर सकता है। मार्केट काफी ओवर शोल्ड है। इसमें अगर कोई भी पुलबैक मिलता है तो वॉल्यूम क्या होगा इस पर नजर रखनी होगी।

अनु ने आगे कहा कि अभी तक उम्मीद थी कि अगर डॉलर वीक होगा और डॉल इंडेक्स 106 के नीचे टूटेगा तो उभरते बाजारों में विदेशी निवेश आना चाहिए। लेकिन भारत में अभी तक तो विदेशी निवेश आया नहीं है। अगर डॉलर इंडेक्स कमजोर हुआ फिर भी हमारे बाजारों में कमजोरी आई तो मार्च के अंत तक बाजार में काफी पैनिक फैल सकता है। बाजार के लिए अगले 4-6 हफ्ते खाफी तनाव भरे रह सकते हैं।


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अनु जैन का मानना है कि अगली तिमाही से बड़े अच्छे नतीजों की उम्मीद नहीं है। बाजार में बॉटम किस स्तर पर बनेगा ये कहना अभी मुश्किल है। अगर आगे US मार्केट गिरे तो भारतीय IT पर प्रेशर बनेगा।

 

 

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