ग्लोबल मार्केट में आई भारी बिकवाली का असर आज भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला और शुरुआती कारोबार में ये 1.7 फीसदी तक टूट गया। कल आए आरबीआई के मिनट ने निवेशकों में डर फैला दिया है। इसके चलते आज सेंसेक्स करीब 900 अंक और निफ्टी 300 अंक तक टूट गया।
ग्लोबल मार्केट में आई भारी बिकवाली का असर आज भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला और शुरुआती कारोबार में ये 1.7 फीसदी तक टूट गया। कल आए आरबीआई के मिनट ने निवेशकों में डर फैला दिया है। इसके चलते आज सेंसेक्स करीब 900 अंक और निफ्टी 300 अंक तक टूट गया।
जापान और चीन के टेक्नोलॉजी स्टॉक में आई भारी बिकवाली के चलते एशिया प्रशांत इक्विटी इंडेक्स करीब 2 फीसदी टूट गया। वहीं S&P 500 इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट के बीच अमेरिकन और यूरोपियन फ्यूचर्स पर दबाव देखने को मिल रहा है।
बता दें कि कल के कारोबार में S&P 500 में लगभग पिछले 2 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इसके अलावा एनालिस्ट भारतीय इकोनॉमी के लिए आने वाले समय के मुश्किल भर रहने के भी अलर्ट जारी कर रहे हैं। इस सब का असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला है।
Reliance Securities के मितुल शाह (Mitul Shah) का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की ऐतिहासिक कमजोरी, यूएस फेड की तरफ से मौद्रिक नीतियों में आ रही कड़ाई, एफपीआई की तरफ से लगातार हो रही बिकवाली कुछ ऐसे कारण हैं जिनका नियर टर्म में इकोनॉमी पर असर पड़ेगा। महंगाई का बढ़ता दबाव यूएस फेड सहित दुनिया के तमाम बड़े केंद्रीय बैंकों को अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के लिए मजबूर कर रहा है। ऐसे में निवेशकों को लग रहा है कि बढ़ती ब्याज दरों की वजह से आगे इकोनॉमी में मंदी देखने को मिल सकती है। भारत में भी रुपये में लगातार आ रही कमजोरी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी का डर हावी होता नजर आ रहा है।
आइए डालते हैं बाजार की कमजोरी के कारणों पर एक नजर
ग्लोबल बाजार में बिकवाली- कल के कारोबार में Dow Jones 1000 अंक से ज्यादा टूट गया। अमेरिका के दिग्गज रिटेलर Target Corp के शेयरों में ईंधन लागत और मालभाड़े में बढ़त के चलते 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। अब अमेरिकी में इकोनॉमी की ग्रोथ को लेकर चिंता पैदा हो गई है। बता दें कि अभी एक दिन पहले ही Walmart Inc ने अपने नतीजे जारी किए थे। जिसमें उसने अपने अर्निंग अनुमान में कटौती कर दी थी। एनालिस्ट का मानना है कि बढ़ती महंगाई, मंदी का डर और यूएस फेड के रवैये में और कड़ाई आने की संभावनाएं कुछ ऐसे कारण हैं जो ग्लोबल मार्केट पर दबाव बनाए रखे हैं।
Trade Spotlight: MCX India, वोकहार्ट और MRPL ने कल दिखाए थे जलवे, जानें क्या अभी भी इनमें बाकी है दम
आरबीआई मिनट - कल आरबीआई के इमरजेंसी मीटिंग के मिनट जारी किए गए हैं। जिससे पता चलता है कि ब्याज दरें तय करने वाले पैनल के एक सदस्य का कहना था कि महंगाई से निपटने के लिए रेपो रेट में तत्काल 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की जरुरत है। जबकि, दूसरे सदस्य भविष्य में कम आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के पक्षधर थे। इस पैनल के सभी सदस्य मई मे दरों में बढ़ोतरी के पक्ष में थे। कुछ सदस्यों का मानना था कि आगे ज्यादा कड़े कदम उठाने की जरुरत ना पड़े इसके लिए मई में दरें बढ़ानी जरुरी थी।
इस बीच नोमुरा ने अपने निवेशकों के लिए जारी एक नोट में कहा है कि हम अप्रैल 2023 तक अपने टर्मिनल रेपो दर पूर्वानुमान को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखते हैं। यानी आरबीआई अप्रैल 2023 तक रेपो दर को बढ़ाकर 6.25 फीसदी पर ला सकता है।
एफआईआई की तरफ से हो रही लगातार बिकवाली - एफआईआई की तरफ से लगातार हो रही बिकवाली की वजह से बने दबाव के कारण रुपया लगातार 5 कारोबारी सत्रों में गिरावट के बाद रिकॉर्ड निचले स्तरों पर चला गया है। भारतीय बाजारों में एफआईआई लगातार 8वें महीने नेट सेलर रहे हैं। मई महीने में एफआईआई की तरफ से 37,937 करोड़ रुपये की बिकवाली देखने को मिली है।
महंगाई ने कंपनियों की कमाई पर दिखाया असर- कंपनियों के तिमाही नतीजों से पता चलता है कि बढ़ती महंगाई के चलते कंपनियों के मुनाफे पर दबाव आया है। निफ्टी 50 में शामिल 28 कंपनियां अपने नतीजे जारी कर चुकी हैं। इनमें से 11 कंपनियों के नतीजे अनुमान से कमजोर रहे हैं जबकि 17 कंपनियों के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं।
ब्रोकरेज हाउस की तरफ से हो रही डाउनग्रेडिंग- हाल ही में बैंक ऑफ अमेरिका ने ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी के जोखिम को ध्यान में रखते हुए निफ्टी के टारगेट को 17000 से घटाकर 16000 कर दिया है। ब्रोकरेज हाउस का यह भी कहना है कि किसी नकारात्मक स्थिति में निफ्टी में वर्तमान लेवल से 15 फीसदी तक की गिरावट मुमकिन है। हाल ही में UBS ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.7 फीसदी से घटाकर 7.0 फीसदी कर दिया है।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
(डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।