चारपहिया ऑटो कंपनियों के स्टॉक्स के लिए संकट मंडराता दिख रहा है, जिसमें मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), टाटा मोटर्स (Tata Motors) और महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) शामिल हैं। अगर पैसेंजर गाड़ियों (PV) की बिक्री में मौजूदा सुस्ती जारी रहती है, तो इन कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इंडस्ट्री के एक्सपर्ट् ने बताया कि इनके इनवेंट्री का स्तर 90 से 120 दिन तक पहुंच गया है, और अब लगभग हर वैरिएंट आसानी से उपलब्ध है। इसके चलते इन ऑटोमोबाइल कंपनियों को मजबूरी में डिस्काउंट ऑफर करना पड़ रहा है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से जून 2024 तक, पैसेंजर गाड़ियों (PV) की बिक्री में 28 प्रतिशत की गिरावट आई है। जनवरी में जहां कुल 3,93,250 यूनिट्स की बिक्री हुई थी, वहीं जून में यह आंकड़ा घटकर 2,81,155 यूनिट्स पर आ गया।
मार्केट एक्सपर्ट्स इस तेज गिरावट के पीछे कई कारण बता रहे हैं। पहला कारण ऊंचे बेस का है क्योंकि पिछले कुछ सालों में इस सेगमेंट का प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। दौलत कैपिटल के इक्विटी रिसर्च हेड, अमित खुराना ने बताया, "ऊंचे बेस के अलावा, लोकसभा चुनाव, बढ़ती गर्मी और फंडिंग की लागत में बढ़ोतरी ने भी इस सेगमेंट को प्रभावित किया है।"
दिलचस्प बात यह है कि यह गिरावट तब आई है जब फेस्टिव सीजन आने वाला है। मनीकंट्रोल से बात करने वाले एक दूसरे एनालिस्ट ने बताया कि कि इंडस्ट्री की बिक्री में बहुत अधिक उछाल आने की उम्मीद नहीं है और यह दबाव आगे भी बना रह सकता है। एनालिस्ट्स का कहना है कि पैसेंजर व्हीकल बनाने वाली कंपनियां किसी फैसले पर पहुंचने से पहले फेस्टिव सीज खत्म होने का इंतजार कर सकती है। लेकिन अगर बिक्री में तेजी नहीं आती है, तो उत्पादन में कमी आ सकती है।
यह शेयर बाजार में लिस्टेड पैसेंजर व्हीकल कंपनियों के लिए दोहरा झटका साबित हो सकती है। खुराना ने शेयरों में गिरावट आने की आशंका जताते हुए कहा, "अगर बिक्री में सुस्ती जारी रहती है, तो हमें शेयर प्राइस में भी गिरावट दिख सकती है क्योंकि इनका वैल्यूएशन बहुत सस्ता नहीं है।"
एक अन्य मार्केट एक्सपर्ट्स ने भी नाम न छापने की शर्त पर मनीकंट्रोल को बताया कि अगर PV गाड़ियों की बिक्री में सुस्ती जारी रहती है, तो इन कंपनियों के शेयरों में 15-20 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि साल 2018-19 में भी ऐसा ही देखा गया था, जब ऑटो कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई थी।
केआर चोकसी की लीड एनालिस्ट, उन्नति भावेकर जाधव ने मनीकंट्रोल को बताया कि स्थिति बहुत खराब नहीं है। उन्होंने कहा कि पहली छमाही में नरमी की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, "इस मंदी के कम होने की उम्मीद है और चैनल इनवेंट्री के साफ हो जाने के बाद हम सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "मानसून सीजन अच्छा रहा है। इसके अलावा, त्योहारी सीजन से वित्त वर्ष के अंत में रिकवरी में मदद मिलनी चाहिए।"
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।