इक्विट्री कैपिटल (Equitree Capital) के को-फाउंडर पवन भराडिया ने मनीकंट्रोल के साथ एक साक्षात्कार में कहा है कि कॉर्पोरेट आय बहुत मजबूत दिख रही है और हमें बाजार में काफी मात्रा में नकदी देखने को मिल रही। ऐसे में भारतीय बाजार का मिड से लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी अच्छा दिख रहा है। उनका मानना है कि ब्याज दरों में संभआवित कटौती, कॉर्पोरेट आय में बढ़त, चुनाव के बाद स्थिर सरकार की वापसी, भू-राजनीतिक स्थितियों में सुधार जैसे तमाम पॉजिटिव फैक्टर्स को बाजार काफी हद तक पचा चुका है।
इक्विटी और कैपिटल मार्केट का 25 सालों से अधिक का अनुभव रखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि इनमें से किसी भी नकारात्मक बदलाव से वर्ष के दौरान भारी अस्थिरता आ सकती है। उन्होंने बताया कि वे वैल्यू इन्वेस्टिंग में पक्का विश्वास करते हैं। हालांकि हमें यह समझने की ज़रूरत है कि वैल्यू इन्वेस्टिंग" का मतलब उन शेयरों को खरीदना नहीं है जो सस्ते/कम पीई गुणकों पर कारोबार कर रहे हैं। ग्रोथ के बिना वैल्यू इन्वेस्टिंग में शायद ही कभी कोई पैसा बना पाता है। उन्होंने बताया कि वे सही वैल्यूशन पर होने वाली ग्रोथ को लेकर अधिक सहज हैं। बाज़ारों में हालिया तेजी के बाद वैल्यूएशन के ऊंचे होने की आम धारणा है, हालांकि इस स्थिति में भी बाजार में निवेश के कई अच्छे मौके दिख रहे हैं।
गैर जरूरी खर्च या शौकिया खर्च वाले शेयरों पर बुलिश
पवन ने बताया कि वे गैर जरूरी खर्च या शौकिया खर्च (consumer discretionary)शेयरों को लेकर बुलिश हैं हैं। लोगों की आय में बढ़त के साथ हमे उभरते मध्यम वर्ग के आकांक्षाओं उछाल देखने को मिल रहा है। इसका फायदा इस सेक्टर को मिलेगा। खपत वाले सेक्टर में एक "प्रीमियमाइजेशन" थीम चल रही है। कोई उत्पाद जितना महंगा होता है उतनी ही तेजी से उसका उपभोग होता है! हम यह ट्रेंड हर जगह देख रहे हैं, चाहे वह परिधान, होटल, कार, रियल एस्टेट, विलासिता की वस्तुएं कोई भी क्यों न हों।
पावर सेक्टर में दिख रहा दम
इसके साथ ही भारत का पावर सेक्टर वास्तव में परिवर्तनकारी युग से गुजर रहा है। हरित हाइड्रोजन मिशन, नेट जीरो लक्ष्य, डीडीयूजीजेवाई योजना, उजाला योजना आदि जैसे सरकारी सुधारों ने इस क्षेत्र को पूरी तरह से बदलने में मदद की है। बिजली सेक्ट सीधे तौर पर आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है और आने वाले आने वालो सालों में भारत उच्च विकास पथ पर अग्रसर दिखेगे। ऐसे में हमें पावर शेयरों पर नजर रखनी चाहिए।
वर्तमान कैलेंडर ईयर में निफ्टी 50 इंजेक्स 25,000 अंक तक पहुंच सकता है कि नहीं? इसके जवाब में पवन ने कहा कि शॉर्ट टर्म में इस तरह का कोई अंदाजा लगाना मुश्किल है। हमने तमाम चुनौतियों के बावजूद पिछले कुछ सालों में बाज़ारों को नई ऊंचाइयों पर पहुचते देखा है और भविष्य में भी ऐसा जारी रहना चाहिए। फिलहाल कॉर्पोरेट आय बहुत मजबूत दिख रही है और हम बाजार में तरलता में पर्याप्त उछाल देख रहे हैं। ऐसे में हमें बाजार का मिड से लॉन्ग टर्म आउटलुक बहुत अच्छा लग रहा है। पवन भराड़िया का मानना है कि अगले 4-5 सालों में बाज़ारों में बेहिसाब वेल्थ क्रिएशन होने की उम्मीद है और अगर ऐसा होता है, तो इंडेक्स के आंकड़ें लगातार नई ऊंचाइयां हासिल करते रहेंगे।
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