MC Market Poll: इस साल दिसंबर तक निफ्टी 50 ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बना सकता है, जानिए किस लेवल पर पहुंच जाएगा

पिछले कुछ महीनों से मार्केट्स में काफी उतारचढ़ाव दिख रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट्स अपने निचले स्तर से उबर चुका है। लेकिन, हर बड़ी तेजी के बाद मार्केट में गिरावट दिख रही है। कई सत्रों तक हरे निशान में बंद होने के बाद 12 जून को मार्केट में गिरावट देखने को मिली

अपडेटेड Jun 12, 2025 पर 11:11 AM
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पोल में शामिल ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल (2025) के अंत तक निफ्टी का लेवल 25,000-27,000 प्वाइंट्स रह सकता है।

इस साल दिसंबर तक निफ्टी का रिटर्न 7-8 फीसदी रह सकता है। मनीकंट्रोल के मार्केट पोल से यह जानकारी मिली है। पोल में शामिल ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल (2025) के अंत तक निफ्टी का लेवल 25,000-27,000 प्वाइंट्स रह सकता है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का यह भी कहना था कि मार्केट इस साल अपने निचले स्तर से उबर चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में अगर यहां से गिरावट आती है तो वह 10 फीसदी से कम होगी।

निफ्टी 26,200 के अपने ऑल-टाइम हाई से ऊपर जा सकता है

मनीकंट्रोल के Market Poll में 29 एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिए। इनमें ब्रोकिंग फर्म, म्यूचुअल फंड्स, AIF और इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट्स शामिल थे। Nifty 50 के टारगेट के बारे में 55 फीसदी एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस साल के अंत तक यह 25,000-27,000 के बीच रह सकता है। 21 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना था कि यह दिसंबर में 23,000-25,000 के बीच रह सकता है। 21 फीसदी एक्सपर्ट्स का अनुमान कुछ ज्यादा पॉजिटिव था। उनका कहना था कि इस साल दिसंबर तक Nifty 50 ऊचाई का नया रिकॉर्ड बनाएगा यानी 27000 पर पहुंच जाएगा। अभी निफ्टी 50 का ऑलटाइम हाई लेवल 26,200 है, जो उसने पिछले साल सितंबर के अंत में बनाया था।


गिरावट आती है तो वह 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी

इस पोल में शामिल सिर्फ 3 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना था कि इस साल के अंत तक निफ्टी 50 गिरकर 23,000 के नीचे जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह करेंट लेवल से करीब 8.5 फीसदी की गिरावट होगी। अच्छी बात यह है कि पोल में शामिल 85 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना था कि अगर निफ्टी 50 में यहां से गिरावट आती है तो वह 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। 65 फीसदी एक्सपर्ट्स ने कहा कि उनका मानना है कि इस साल निफ्टी अपने निचले स्तर से ऊपर आ चुका है।

जियोपॉलिटिकल टेंशन मार्केट के लिए बड़ा चैलेंज

स्टॉक मार्केट्स के लिए क्या-क्या बड़े चैलेंजेज हैं? इस सवाल के जवाब में एक्सपर्ट्स ने कहा कि जियो पॉलिटिकल इश्यू, ग्लोबल टैरिफ वॉर और अर्निंग्स में सुस्ती तीन ऐसे मसलें हैं जो चिंता पैदा करते हैं। विदेश से आने वाली खबरों का असर इंडियन मार्केट्स पर देखने को मिल रहा है, क्योंकि GDP के स्टॉन्ग डेटा और RBI के उम्मीद से ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स घटाने के बावजूद इंडियन मार्केट्स में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला है। पिछले कई दिनों तक हरे निशान में बंद होने के बाद 12 जून को Nifty और Sensex में गिरावट देखने को मिली।

अभी लॉर्जकैप स्टॉक्स में निवेश करने से होगा ज्यादा फायदा

अभी किस तरह के स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए? इसके जवाब में 62 फीसदी एक्सपर्ट्स ने लॉर्जकैप स्टॉक्स को अपनी पहली पसंद बताई। उनका मानना था कि अभी मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के मुकाबले लार्जकैप स्टॉक्स में निवेश करना सही है। 62 फीसदी एक्सपर्ट्स ने कहा कि BSE Midcap, BSE SmallCap, BSE 500 की वैल्यूएशन ज्यादा है। पहले से ही एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि हालिया करेक्शन के बावजूद इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन ज्यादा है।

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FIIs की खरीदारी में सुस्ती के आसार नहीं

क्या विदेशी इनवेस्टर्स का निवेश जारी रहेगा? इस सवाल के जवाब में 83 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना था कि उन्हें फॉरेन पोर्टफोलियो (FPI) में सुस्ती के आसार नजर नहीं आ रहे। हालांकि, जून में विदेशी निवेशकों ने इंडियन मार्केट्स में 23.6 करोड़ डॉलर की बिकवाली की है। मई में उन्होंने 2.3 अरब डॉलर का निवेश इंडियन मार्केट्स में किया था। इस साल (2025) में अब तक विदेशी इनवेस्टर्स 10 अरब डॉलर की बिकवाली कर चुके हैं।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Jun 12, 2025 11:03 AM

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