Midcap IT stocks : भारत की मिडकैप आईटी कंपनियों ने पिछले 1-2 सालों में लार्ज-कैप आईटी कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। मिडकैप आईटी को बिक्री और मुनाफे में जोरदार बढ़त का फायदा मिला है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, साइएंट और कोफोर्ज जैसी मिडकैप आईटी कंपनियों ने टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसी टियर-1 दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है। इसका श्रेय बढ़ते डिजिटलीकरण और कोविड महामारी के बाद तकनीकी अपग्रेडेशन में कंपनियों द्वारा किए जाने वाले खर्च में बढ़त को जाता है।
इसके अलावा मजबूत डील पाइपलाइन, नई डील में बढ़त और नौकरी छोड़ने की दर में कमी के कारण भी मिडकैप आईटी को बढ़त मिली है। इन कारणों की वजह से मिडकैप आईटी के मार्जिन में सुधार हुआ है। इन कंपनियों को इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हेल्थ केयर और परिवहन जैसे खास सेक्टरों में हुए इंटीग्रेशन से भी फायदा हुआ है।
इन बातों तो देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान इन मिडकैप आईटी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। एफआईआई की होल्डिंग में यह बदलाव का मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए काफी अहम है।
लेकिन बाजार जानकारों का कहना है सेल्स में मजबूत बढ़त और बेहतर मार्जिन के बावजूद अब शॉर्ट से मीडियम टर्म में मिडकैप आईटी कंपनियों के खराब प्रदर्शन करने का जोखिम बढ़ गया है। इस जोखिम की वजह दिग्गज आईटी कंपनियों के कमजोर गाइडेंस का देर से दिखने वाला असर है जो मिडकैप आईटी पर भी निगेटिव असर डाल सकता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने मनीकंट्रोल से कहा कि खराब ग्लोबल महौल को देखते हुए निवेशक इक्विटी निवेश को लेकर सतर्क हो गए हैं। पिछले 1-3 महीनों में एफआईआई की बिकवाली बढ़ी है। इससे भारतीय शेयर बाजार दबाव में रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मिडियम टर्म में ये ट्रेंड कायम रहेगा। इसके अलावा आईटी खर्च में आ रही कमी के चलते भी नियर टर्म में आईटी शेयरों पर दबाव रहेगा। उनकी राय है कि रिटेल निवेशकों को इस समय आईटी शेयरों लंबे अवधि के नजरिए से धीरे-धीरे किस्तों में खरीद करनी चाहिए। आईटी शेयरों में एसआईपी के जरिए निवेश करना भी अच्छा विकल्प है।
ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज का पूरे आईटी सेक्टर पर न्यूट्रल नजरिया है। लेकिन ब्रोकरेज फर्म लॉन्ग टर्म के नजरिए से इस सेक्टर पर पॉजिटिव है। विनोद नायर ने बताया कि वे अपने क्लायंट्स को लार्ज कैप आईटी में लंबे नजरिए से एक्युमुलेशन करने और मिडकैप में स्टॉक स्पेसिफक नजरिया अपनाने की सलाह दे रहे हैं। विनोद नायर की राय है कि आगे हमें रिन्युएबल एनर्जी, परिवहन, संचार, जनरल एआई, आईओटी, क्लाउड और सिक्योरिटी सेगमेंट में काम करने वाली आईटी कंपनियों के प्रदर्शन में मजबूती देखने को मिलेगी।
किन मिडकैप आईटी शेयरों पर रहे नजर
मिड-कैप आईटी सेक्टर में अपने टॉप पिक बताते हुए कोटक सिक्योरिटीज के सुमित पोखरना ने कहा कि तमाम बड़े डील विन, मजबूत ऑर्डर बुक और तमाम तरह की इंडस्ट्री के लिए टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट पर फोकस के चलते मिडकैप आईटी में साइएंट उनका पसंदीदा स्टॉक है। Cyient का फेयर वैल्यू 2000 रुपये प्रति शेयर है।
सुमित पोखरना ने बताया कि उनको पर्सिस्टेंट भी पसंद है। हालांकि, मौजूदा वैल्यूएशन पर सीमित बढ़त की संभावना है। स्टॉक वर्तमान में 6000 रुपये से ऊपर कारोबार कर रहा है, जबकि कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक इसका फेयर वैल्यू 6,000 रुपये प्रति शेयर है।
इस बीच, जुलाई-सितंबर तिमाही में एफआईआई ने कोफोर्ज में अपनी हिस्सेदारी 9.5 फीसदी बढ़ा दी है। फिर भी बाजार जानकार इस शेयर को लेकर खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इस स्टॉक का वैल्यूएशन इसकी आय में बढ़त की संभावना की तुलना में काफी ज्यादा है।
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