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Monolithisch IPO Listing: लिस्ट होते ही अपर सर्किट, ₹143 के शेयर ने दिया पहले ही दिन 70% रिटर्न

Monolithisch IPO Listing: मोनोलिथिक इंडिया लोहे और स्टील की इंडस्ट्री के लिए रैमिंग मास बनाती है। इसके आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और खुदरा निवेशकों ने भी ताबड़तोड़ पैसे लगाए थे। आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी हुए हैं। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

अपडेटेड Jun 19, 2025 पर 3:43 PM
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Monolithisch IPO Listing: मोनोलिथिक का ₹82.02 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 12-16 जून तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Monolithisch IPO Listing: आयरन और स्टील कंपनियों के लिए रैमिंग मास बनाने वाली मोनोलिथिक इंडिया के शेयरों की आज NSE SME पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 182 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹143 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज NSE SME पर इसकी ₹231.55 पर ₹785.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 61.92% का लिस्टिंग गेन (Monolithisch Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर यह ₹243.10 (Monolithisch Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और उठा-पटक के साथ इसी पर बंद भी हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 70% मुनाफे में हैं।

Monolithisch IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

मोनोलिथिक का ₹82.02 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 12-16 जून तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 182.89 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 129.20 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 459.99 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 94.71 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹10 की फेस वैल्यू वाले 54.48 लाख नए शेयर जारी हुए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹16.58 करोड़ मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के सेटअप, ₹27.90 करोड़ सब्सिडिरी Metalurgica India Private Limited में निवेश, ₹20 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।


Monolithisch के बारे में

अगस्त 2018 में बनी मोनोलिथिक इंडिया रैमिंग मास बनाती है जोकि लोहे और स्टील की इंडस्ट्री में जो इंडक्शन भठ्ठी होती है, उसमें हीट इंसुलेशन रिफ्रेक्टरी के तौर पर इस्तेमाल होता है। इसके ग्राहक मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में हैं और इसकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में है। इसके क्लाइंट्स वर्ष 2023 में 43 से बढ़कर वर्ष 2025 में 61 पर पहुंच गए हैं। इसके ताकत की बात करें तो कच्चे माल तक इसकी पहुंच आसान है, ग्राहकों के साथ इसका लंबा कारोबारी संबंध है और इसकी लोकेशन अच्छी है। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹4.54 करोड़ का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में उछलकर ₹8.51 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में ₹14.49 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 52% से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹97.49 करोड़ पर पहुंच गया।

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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