Multibagger Stocks: टेक्सटाइल सेक्टर की कंपनी माफतलाल इंडस्ट्रीज (Mafatlal Industries) ने अपने शेयरों को 1:5 के अनुपात में बांटने यानी स्टॉक स्पिल्ट (Stock Split) करने का ऐलान किया है। कंपनी ने शनिवार 17 सितंबर को शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने स्टॉक स्पिल्ट की योजना को मंजूरी दे दी है।
माफतलाल इंडस्ट्रीज ने बताया, "कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की शनिवार 17 सितंबर को हुई बैठक में कंपनी के मौजूदा 10 रुपये फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले 5 शेयरों में बांटने के फैसले पर विचार किया गया और सहमति से मंजूरी दी।" कंपनी ने बताया कि स्टॉक स्पिल्ट के रिकॉर्ड डेट के बारे में आने वाली जानकारी दी जाएगी।
माफतलाल इंडस्ट्री एक 506.13 करोड़ के मार्केट वैल्यू एक स्मॉल कैप कंपनी है। इसके शेयरों ने पिछले 6 महीनों में अपने निवेशकों को 100 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। माफतलाल इंडस्ट्रीज के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 4.99 फीसदी गिरकर 359.05 रुपये के भाव पर बंद हुए।
पिछले 1 महीने में माफतलाल इंडस्ट्रीज के कई शेयरों में कई दिन अपर सर्किट लगते हुए देखा गया, जिसके चलते पिछले 1 महीने में इसमें करीब 56.07% की तेजी आई है। वहीं पिछले 6 महीने में इसका भाव करीब 109.36 फीसदी बढ़ा है। साल 2022 से अब तक इसके शेयरों में 103.60 फीसदी की तेजी आई है।
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है शेयरों का विभाजन। आमतौर पर जब शेयरों की कीमत अधिक हो जाती है, तो कंपनी छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपने शेयरों को कई भाग में विभाजित कर देती है। इससे शेयरों की कीमत सस्ती हो जाती है और कंपनी के कुल शेयरों की संख्या बढ़ा दी जाती है। हालांकि इससे कंपनी की मार्केट वैल्यू पर कोई असर नहीं पड़ता है।
उदाहरण के लिए अगर किसी शेयर का मूल्य 1000 रुपये है और कंपनी ने उस शेयर 1:1 के रेशियो में स्पिल्ट यानी विभाजित करने का फैसला किया है तो उस कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर को हर एक शेयर के बदले में एक अतिरिक्त शेयर जारी किए जाएंगे, लेकिन शेयरों की कीमत आधी यानी की 500 रुपये हो जाएगी। इस तरह प्रति शेयर की कीमत घट जाएगी, लेकिन शेयरहोल्डरों के शेयर की वैल्यू और कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन उतनी ही रहेगी।
शेयरों के विभाजन से कंपनी पर क्या पड़ता है असर?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है। छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है। शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है। बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) पर कोई असर नहीं पड़ता।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।