Paytm की पेरेंट कंपनी One97 Communications के शेयर RBI की कार्रवाई के बाद 50 फीसदी गिर चुके हैं। आरबीआई ने 31 मार्च को पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPB) की सेवाओं पर रोक लगाने का ऐलान किया था। कंपनी के शेयर की कीमत में बड़ी गिरावट के बाद भी म्यूचुअल फंड मैनेजर्स इस स्टॉक को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। मनीकंट्रोल ने इस स्टॉक को लेकर म्यूचुअल फंडों की सोच जानने के लिए इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से बातचीत की। एक मिड साइज एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर ने कहा कि हमें नहीं पता कि पेटीएम में क्या चल रहा है। जब इस मामले में रेगुलेटर शामिल है तो इनवेस्टमेंट को लेकर किसी तरह का फैसला करना मुश्किल है। अफसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह बताया।
RBI ने 31 जनवरी को उठाए थे कड़े कदम
दिसंबर तिमाही के अंत में पेटीएम में म्यूचुअल फंडों का 4.99 फीसदी निवेश था। यह सितंबर तिमाही के अंत में 2.79 फीसदी निवेश से काफी ज्यादा है। Nippon का पेटीएम में 1.05 फीसदी निवेश है, जबकि Mirae का निवेश 2.5 फीसदी है। आरबाई ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को डिपॉजिट लेने, क्रेडिट ट्रांजेक्शंस, कस्टमर्स अकाउंट में टॉप-अप जैसी सेवाएं पर रोक लगाने का ऐलान किया था। प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड्स पर भी रोक लगाई है। यह रोक 1 मार्च से लागू होगी।
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पेटीएम के बिजनेस को लेकर तस्वीर साफ नहीं
एक दूसरे फंड मैनेजर ने कहा है कि अभी पेटीएम के बिजनेस को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। ऐसे में उसके शेयरों में निवेश करने पर हमें यूनिटहोल्डर्स को जवाब देना पड़ सकता है। अभी पेटीएम के शेयरों में निवेश करने में काफी रिस्क है। इसकी वजह यह है कि कई इनवेस्टर्स इसके शेयरों में अपना निवेश निकाल रहे हैं। इसका मतलब है कि आने वाले समय में इस स्टॉक पर बिकवाली का दबाव जारी रह सकता है।
लेंडिंग बिजनेस पर भी पड़ सकता है असर
हालांकि, मार्केट में Paytm को लेकर राय बंटी हुई है। कुछ ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि पेटीएम पर आरबीआई की रोक का असर सिर्फ वॉलेट बिजनेस पर पड़ेगा। पेमेंट्स बैंक में पेटीएम के 33 करोड़ वॉलेट्स हैं। पेटीएम के लेंडिंग बिजनेस (ग्राहकों को लोन देने) में भी आने वाले दिनों में सुस्ती आ सकती है। इसकी वजह यह है कि आरबीआई ने अनसेक्योर्ड कंज्यूमर लोन पर सख्ती बढ़ाई है।
मैक्वायरी ने शेयर के टारगेट प्राइस घटाए
मैक्वायरी ने 13 फरवरी को पेटीएम के शेयरों पर 'अंडरपरफॉर्म' रेटिंग दी थी। उसने इसका टारगेट प्राइस 650 रुपये से घटाकर 275 रुपये कर दिया है। इस ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पेटीएम के कुछ लेंडिंग पार्टनर्स कंपनी के साथ अपनी रिलेशनशिप पर पुनर्विचार कर रहे है, क्योंकि उन्हें अपनी साख पर असर पड़ने की चिंता है। मैक्वायरी का मानना है कि One97 Communications के रेवेन्यू में 60-65 फीसदी गिरावट आ सकती है।