SEBI ने Association of Mutual Funds in India को एक सलाह दी है। उसने इसमें कहा है कि एसोसिएशन अपने सभी सदस्यों को यह इनफॉर्म करे कि किसी मौजूदा या नए म्यूचुअल फंड स्कीम के साथ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बंडल नहीं होने चाहिए। इसका सीधा मतलब यह है कि फंड हाउस अपनी म्यूचुअल फंड स्कीमों के किसी तरह का एडिशिनल बेनेफिट ऑफर नहीं कर सकते।
म्यूचुअल फंड हाउस इनवेस्टर्स को अट्रैक्ट करने के लिए अपनी स्कीमों के साथ इंश्योरेंस को जोड़ देते हैं। ऐसा एक दशक से ज्यादा समय से चल रहा है। म्यूचुअल फंड्स हाउस अपने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के साथ इंश्योरेंस को बंडल करते हैं। सम अश्योर्ड आम तौर पर सिप अमाउंट से लिंक्ड होता है। इसकी अवधि सिप की अवधि जितनी होती है।
फंड हाउस इंश्योरेंस का फायदा उठाने के लिए सिप की न्यूनतम अवधि की शर्त रखते हैं। आम तौर पर यह अवधि करीब तीन साल होती है। सम अश्योर्ड सिप अमाउंट के 100 से 120 गुना के बीच होता है।
इनवेस्टर की उम्र 55 साल तक पहुंचने पर बीमा कवर खत्म हो जाता है। SIP मैच्योर करने या किसी वजह से SIP कैंसल होने पर भी बीमा कवर खत्म हो जाता है। ज्यादातर मामलों में सिप शुरू होते ही बीमा कवर प्रभावी हो जाता है। बीमा कवर में सिप के पहले साल में सुसाइड कवर नहीं होता है। इंश्योरेंस कवर पर आने वाले खर्च का बोझ एसेट मैनेजमेंट कंपनियां उठाती हैं।
निप्पॉन इंडिया, एक्सिस, DSP, ICICI Prudential, Aditya Birla Sunlife, PGIM ने पिछले सालों में इंश्योरेंस कवर के साथ स्कीमें इनवेस्टर्स को ऑफर की हैं। निप्पॉन इंडिया अब भी यह प्रोडक्ट ऑफर करती है। ICICI Prudential ने यह प्रोडक्ट नए इनवेस्टर्स को ऑफर करना बंद कर दिया है। लेकिन, पहले से सिप का इनरॉलमेंट कराने वाले इनवेस्टर्स को यह सुविधा मिल रही है।
Aditay Birla Sun Life AMC ने हाल में फिर से ऐसे प्रोडक्ट्स ऑफर करने शुरू किए हैं। हालांकि, यह बेनेफिट ऑप्शनल रही है। Nippon India Mutual Fund ने SIP Insure फैसिलिटी को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, जो इनवेस्टर्स पहले से इस स्कीम का बेनेफिट उठा रहे हैं, उन पर असर नहीं पड़ेगा।