Mutual Funds : स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव से इनवेस्टर्स के सेंटीमेंट को तगड़ा झटका लगा है। जुलाई मेंइक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो (यानी निकासी से ज्यादा निवेश) 42 फीसदी घटकर 8,898 करोड़ रुपये रह गया, जो जून में 15,497 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा था। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह बात सामने आई है।
31 जुलाई, 2022 तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट बढ़कर 37.74 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक महीने पहले तक 35.64 लाख करोड़ रुपये था। वहीं जुलाई में डेट फंड्स (debt funds) में 4,930 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया, जबकि पिछले महीने 92,247 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया था।
एसआईपी अकाउंट्स की संख्या बढ़ी
सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान्स (systematic investment plans) यानी एसआईपी (SIP) के जरिये अंशदान जुलाई में मामूली घटकर 12,139 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले महीने 12,275 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि एसआईपी अकाउंट्स ( SIP accounts) बढ़कर 5.61 करोड़ के स्तर पर पहुंच गए, जो पिछले महीने 5.55 करोड़ के स्तर पर थे।
स्माल कैप फंड्स का रहा जलवा
इक्विटी फंड्स में स्माल कैप फंड्स और फ्लेक्स कैप फंड्स में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रही, जिनमें क्रमशः 1,779 करोड़ रुपये और 1,381 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया। वहीं, जुलाई में सभी ओपन एंडेड इक्विटी फंड कैटेगरीज में नेट इनफ्लो दर्ज किया गया।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी (Motilal Oswal AMC) के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, जुलाई महीने में मार्केट ऊपर जाने से इनवेस्टर्स ने अपना प्रॉफिट बुक किया है। पिछले कुछ महीनों से बाजार में कमजोरी बनी हुई थी, क्योंकि मार्केट में गिरावट बनी हुई थी। एसआईपी के आंकड़ों को छोड़कर हमें संभवतः जुलाई में सेल्स में गिरावट देखने को मिली।
डेट फंड कलेक्शन में सुस्ती
वहीं ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते डेट फंड कलेक्शन में सुस्ती रही। लिक्विड फंड्स और फ्लोटर फंड्स में क्रमशः 7,692 करोड़ रुपये और 4,681 करोड़ रुपये की निकासी रही। बैंकिंग और पीएसयू डेट फंड्स में कुल 2,809 करोड़ रुपये का कुल आउटफ्लो रहा। ओवरनाइट फंड्स में 19,918 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा।