मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने एक छोटे से बदलाव के साथ एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को एक बार फिर से विदेशों में निवेश करने की इजाजत दे दी है। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि AMCs विदेशों में अब उतना निवेश कर सकते हैं, जितना 1 फरवरी 2022 को उनका विदेशों में एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी निवेश था।
इसका मतलब यह है कि 1 फरवरी 2022 के बाद विदेशों शेयर बाजारों में आई गिरावट या फंड से पैसे निकाले जाने की वजह से उनके पोर्टफोलियो वैल्यू में जितनी गिरावट आई है, उसका इस्तेमाल अब वे इनमें नए निवेश के लिए कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर किसी म्यूचुअल फंड हाउस या एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने 1 फरवरी 2022 तक विदेशों में 100 रुपये निवेश कर रखा था और उसके बाद शेयर बाजार में आई गिरावट के चलते उसके निवेश की वैल्यू घटकर 80 रुपये हो गई, तो अब वह विदेशों में 20 रुपये का नया निवेश कर सकता है।
कोटक महिंद्रा AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा, "फरवरी 2022 के मुकाबले अभी शेयर काफी सस्ते दाम पर उपलब्ध है। निवेशकों को विदेशों में निवेश की इजाजत देकर, सेबी उन्हें सस्ते वैल्यूएशन पर स्टॉक खरीदने का मौका दे रही है।" उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अप्रत्यक्ष तरीके से विदेशों में निवेश की सीमा बढ़ाने का भी तरीका है।
बता दें कि SEBI के नियमों के मुताबिक, भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को विदेशों में अधिकतम 7 अरब डॉलर के सीधे निवेश की इजाजत थी। हालांकि इस साल फरवरी में ही म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का विदेशों में निवेश 7 अरब डॉलर की सीमा पर पहुंच था। इसके चलते कई सारे AMC को निवेशकों से इंटरनेशनल स्कीमों वाले फंड में निवेश लेना बंद करना पड़ा। इस बीच इस निवेश सीमा को बढ़ाने के लिए सेबी और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत भी हुई, लेकिन सेबी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
Anand Rathi Wealth के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने बताया कि विदेशी शेयरों में निवेश का टिकाऊ समाधान लिब्रराइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) है। कई बड़े निवेशक LRS रूट के जरिए ही विदेशी स्टॉक्स वाले म्यूचुअल फंड्स स्कीमों में निवेश करते हैं। हालांकि रिटेल निवेशकों के लिए सेबी का ताजा फैसला काफी अच्छा कदम है। इससे फंड मैनेजर को अपने उन कुछ अच्छे स्टॉक्स में अतिरिक्त खरीदारी कर घाटे को कम करने में मदद मिलेगा, जो बाजार में आई मौजूदा गिरावट के चलते नीचे आए हैं।