Mutual Fund News: म्युचुअल फंड का दायरा और बढ़ता जा रहा है। 48 लाख करोड़ रुपये की इस इंडस्ट्री में कंपनियों की भी दिलचस्पी बढ़ रही है और धड़ाधड़ सेबी के पास आवेदन कर रही हैं। इसी कड़ी में अब पोर्टफोलियो मैनेजमेंट कंपनी यूनीफाई कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड भी म्युचुअल फंड बिजनेस में एंट्री कर रही है। इसे बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से इन-प्रिंसिपल यानी प्रोविजिनल मंजूरी मिल चुकी है। सेबी की वेबसाइट पर 30 सितंबर 2023 तक के म्युचुअल फंड एप्लीकेशंस के स्टेटस के मुताबिक यूनीफाई ने 31 दिसंबर 2020 को म्युचुअल फंड के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था।
2001 में बनी थी Unifi Capital
वर्ष 2001 में बनी चेन्नई की यूनीफाई कैपिचल लॉन-ओनली इंडिया सेंट्रिक फंड मैनेजर है। देश के 22 राज्यों में करीब 10 हजार पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) और अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (AIF) क्लाइंट्स के दम पर इसका एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 20,400 करोड़ रुपये का है। यूनीफाई कैपिटल के फाउंडर, एमडी और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर के शरत रेड्डी का कहना है कि म्युचुअल फंड निवेशकों को अलग-अलग तरीके की स्ट्रैटेजी वाले निवेश विकल्प मुहैया कराया जाएगा।
₹48 लाख करोड़ की है भारतीय म्युचुअल फंड इंडस्ट्री
भारतीय म्युचुअल फंड इंडस्ट्री करीब 48 लाख करोड़ रुपये की है और इसमें पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) तेजी से आ रही हैं। बजाज फिनसर्व म्युचुअल फंड ने अब तक पांच फंड लॉन्च किए हैं, जबकि हेलिओस MF और जीरोधा फंड हाउस ने दो-दो स्कीमें लॉन्च की हैं। सितंबर में केनेथ एंड्रेड की PMS ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट को म्युचुअल फंड कारोबार के लिए सेबी से अंतिम मंजूरी मिली। एंड्रेड 2005 से 2015 के दौरान 10 वर्षों तक IDFC म्युचुअल फंड में निवेश प्रमुख थे।
इसके अलावा अगस्त में एक पीएमएस हेलिओस कैपिटल मैनेजमेंट (Helios Capital Management) को भी सेबी से अंतिम मंजूरी मिल गई थी। हेलिओस कैपिटल के संस्थापक समीर अरोड़ा 1993 से 1998 तक एलायंस कैपिटल म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर थे। एमके ग्लोबल और एंजेल वन को भी म्युचुअल फंड कारोबार शुरू करने के लिए सेबी से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।