नजारा टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 20 अगस्त को बड़ी गिरावट देखने को मिली। 10:09 बजे स्टॉक का प्राइस 6.59 फीसदी गिरकर 1,307 रुपये पर चल रहा था। इस गिरावट की वजह ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध का सरकार का प्रस्ताव है। यूनियन कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को मंजूरी दे दी है। इस बिल को सरकार 20 अगस्त को लोकसभा में पेश कर सकती है। इस बिल के पारित होने पर रियल टाइम ऑनलाइन मनी गेम पर रोक लग जाएगी।
नए कानून से रियल टाइम ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लग जाएगी
इस बिल के पारित हो जाने पर ऑनलाइन मनी गेम (Online Money Game) पर रोक लग जाएगी। कोई व्यक्ति या कंपनियां ऐसे गेम को ऑफर नहीं कर सकेंगी। इतना ही नहीं, ऐसे ऑनलाइन गेम के विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लग जाएगा। ऐसे गेम से जुड़े किसी तरह के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर रोक होगी। बैंकों को ऑनलाइन गेमिंग ऐप, प्लेटफॉर्म और कंपनियों से जुड़े किसी तरह के ट्रांजेक्शन की इजाजत नहीं देने को कहा जाएगा। इंडिया में पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन गेमिंग बिजनेस तेजी से बढ़ा है। फिल्म से लेकर खेल से जुड़े कई सेलिब्रिटी ऐसे गेम का विज्ञापन करते हैं।
पोकरबाजी कंपनी मूनशाइन में नजारा का बड़ा निवेश
Nazara Technologies ने 20 अगस्त को नए कानून का उस पर पड़ने वाले असर के बारे में स्थिति साफ की है। उसने कहा है कि रियल मनी गेमिंग बिजनेसेज से उसका सीधा संबंध नहीं है। उसने कहा है कि उसके रेवेन्यू और EBITDA में रियल मनी गेमिंग बिजनेस की हिस्सेदारी जीरो है। उसने यह भी कहा है कि कंपनी का रियल मनी गेमिंग से संबंध सिर्फ मूनशाइन टेक के जरिए है, जिसमें उसकी 46.07 फीसदी हिस्सेदारी है। नजारा ने मूनशाइन में 805 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
मूनशाइन में नजारा का पूरा निवेश डूबने का खतरा
इधर, ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि रियल टाइम ऑनलाइन गेमिंग पर रोक के कानून के लागू होने पर नजारा टेक्नोलॉजीज पर असर पड़ेगा। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने पोकरबाजी में नजारा के निवेश पर चिंता जताई है। दरअसल, मूनशाइन टेक्नोलॉजीज पोकरबाजी नाम से रियल टाइम ऑनलाइन गेम ऑफर करती है। प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि नजारा मूनशाइन में कनवर्टिबल प्रिफरेंश शेयरों के जरिए और 255 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है। रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध से उसका यह निवेश रिस्क में पड़ जाएगा। कंपनी को इस निवेश को राइट-ऑफ तक करना पड़ सकता है।
नजारा के शेयर के टारगेट प्राइस में आ सकती है बड़ी गिरावट
प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि नजारा के शेयरों के टारगेट प्राइस में पोकरबाजी की हिस्सेदारी 35 फीसदी तक है। ब्रोकरेज फर्म ने नजारा के शेयरों के लिए 1,345 रुपये का टारगेट प्राइस दिया था। अगर नजारा के बिजनेस से पोकरबाजी को हटा दिया जाता है तो शेयर का टारगेट प्राइस घटकर 917 रुपये रह जाएगा। जून तिमाही में नजारा का रेवेन्यू 498.8 करोड़ रुपये था।