Credit Cards

गोल्ड लोन में एनबीएफसी को बैंकों से मिल रही कड़ी टक्कर, Muthoot Finance का शेयर 6 महीने में 21% टूटा

मुथूट के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) गोल्ड लोन की 90 फीसदी हिस्सेदारी है। जून तिमाही में कंपनी का एयूएम तिमाही दर तिमाही आधार पर 575 अरब रुपये से घटकर 562 रुपये पर आ गया है। इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 960 करोड़ रुपये से घटकर 802 करोड़ रुपये रह गया है

अपडेटेड Aug 19, 2022 पर 12:29 PM
Story continues below Advertisement
कोरोना की महामारी के दौरान लोगों की नौकरियां चली गईं और इनकम घट गई। इससे बैंक लोन देने से कतरा रहे थे। ऐसे में लोगों ने पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए गोल्ड लोन लिए।

Muthoot Finance Share Price : गोल्ड लोन देने वाली नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को बड़े बैंको से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसकी वजह यह है कि कोरोना की महामारी शुरू होने केबाद से बैंकों ने भी खुलकर गोल्ड लोन देना शुरू कर दिया है। इसका असर Muthoot Finance पर दिखा है।

मुथूट के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) गोल्ड लोन की 90 फीसदी हिस्सेदारी है। जून तिमाही में कंपनी का एयूएम तिमाही दर तिमाही आधार पर 575 अरब रुपये से घटकर 562 रुपये पर आ गया है। इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 960 करोड़ रुपये से घटकर 802 करोड़ रुपये रह गया है।

यह भी पढ़ें : IRCTC का शेयर 4% चढ़ा, रेल टिकट के डेटा को बेचने के लिए निविदा जारी करने के चलते उछाल स्टॉक


जून तिमाही के नतीजों के बाद मुथूट फाइनेंस के शेयर करीब 15 फीसदी तक गिर चुके हैं। कंपनी के शेयरों पर 19 अगस्त (शुक्रवार) को दबाव देखने को मिला। 11:48 बजे शेयर का प्राइस 1.29 फीसदी गिरकर 1,046 रुपये पर चल रहा था। छह महीने में यह शेयर करीब 21 फीसदी टूट चुका है।

शेयर बााजार की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

कोरोना की महामारी के दौरान लोगों की नौकरियां चली गईं और इनकम घट गई। इससे बैंक लोन देने से कतरा रहे थे। ऐसे में लोगों ने पैसे की जरूरत पूरी करने के लिए गोल्ड लोन लिए। RBI के डेटा के मुताबिक, मार्च 2021 में खत्म फाइनेंशियल ईयर में साल दर साल आधार पर गोल्ड लोन की वैल्यू 82 फीसदी तक बढ़ गई।

गोल्ड लोन की मांग अचानक बढ़ने की दूसरी वजहें भी थीं। पहला, इंडिया में कोरोना की पहली लहर (अप्रैल से अक्टूबर 2020) के दौरान गोल्ड की कीमतों में तेजी रही। इसका मतलब है कि लोग प्रति ग्राम सोने पर ज्यादा लोन ले सकते थे। दूसरा, RBI ने अगस्त 2020 में लोन-टू-वैल्यू रेशियो बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया। पहले यह 75 फीसदी था। यह बदलावा 31 मार्च, 2021 तक लागू रहा।

इस दौरान गोल्ड लोन देने के मामले में बैंकों और एनबीएफसी के बीच प्राइसिंग वॉर शुरू हो गई। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की तीसरी तिमाही में बैंकों ने एनबीएफसी के मुकाबले अपना इंटरेस्ट रेट घटाकर आधा कर दिया। बैंकों का मुकाबला करने के लिए मुथूट ने दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच टीजर लोन का ऐलान किया। इसमें इंटरेस्ट रेट प्रति माह सिर्फ 0.57 फीसदी रखा।

ज्यादातर बैंक एनबीएफसी के मुकाबले कम रेट पर गोल्ड लोन दे रहे हैं।

gold loan interest rate

फेडरल बैंक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मोहन के ने कहा कि कोरोना की महामारी के दौरान सब ने गोल्ड लोन पर फोकस बढ़ा दिया, क्योंकि दूसरे लोन में कमी आ गई। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में फेडरल बैंक के गोल्ड लोन में 70 फीसदी उछाल आया। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में यह ग्रोथ करीब 28 फीसदी और इससे एक साल पहले करीब 20 फीसदी थी।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।