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NDTV का शेयर एक साल में 393% उछला, आपको इसे खरीदना, बेचना या अपने पास बनाए रखना चाहिए?

NDTV के शेयरों में 24 अगस्त (बुधवार) को 5 फीसदी उछाल के बाद अपर सर्किट लग गया। अडानी समूह (Adani Group) की मीडिया कंपनी के एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के ऐलान के बाद शेयरों में यह तेजी आई

अपडेटेड Aug 24, 2022 पर 12:25 PM
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पिछले एक साल से ज्यादा समय से इस डील की चर्चा की वजह से एनडीटीवी के शेयरों में तेजी का रुख था।

NDTV Share Prices: NDTV के शेयरों में 24 अगस्त (बुधवार) को 5 फीसदी उछाल के बाद अपर सर्किट लग गया। अडानी समूह (Adani Group) की मीडिया कंपनी के एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के ऐलान के बाद शेयरों में यह तेजी आई। अडानी समूह ने एनडीटीवी में ओपन ऑफर के जरिए और 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का भी ऐलान किया है।

पिछले एक साल से ज्यादा समय से इस डील की चर्चा की वजह से एनडीटीवी के शेयरों में तेजी का रुख था। पिछले एक साल में यह शेयर 393 फीसदी चढ़ चुका है। सवाल यह है कि क्या आपको यह शेयर खरीदना चाहिए, बेच देना चाहिए या इसमें निवेश बनाए रखना चाहिए?

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एलारा सिक्योरिटीज के एवीपी-रिसर्च एनालिस्ट करण तौरानी ने CNBC TV-18 से कहा कि अडानी ग्रुप और एनडीटीवी की यह डील महंगी लगती है। यह सौदा बिक्री के 3.5 गुना पर हो रहा है। दूसरी वजह यह है कि लोगों की दिलचस्पी न्यूज की जगह ओटीटी में बढ़ रही है।

हालांकि, ज्यादातर एनालिस्ट्स एनडीटीवी की कीमतों के बारे में अनुमान लगाने से बच रहे हैं। इसकी दो वजहे हैं। पहला, बहुत कम एनालिस्ट्स एनडीटीवी के शेयरों को कवर करते हैं। दूसरा, अडानी समूह के शेयरों की चाल अप्रत्याशित रहती है। इसलिए इनके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है।

मुंबई की एक ब्रोकरेज फर्म के रिसर्च हेड ने कहा कि एनडीटीवी के शेयरों में गिरावट दिख सकती है। इसकी वजह यह है कि पिछले एक साल में इस शेयर की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है। इसलिए छोटी अवधि के निवेशकों को इस शेयर को बेच देना चाहिए।

उन्होंने कहा, "लंबी अवधि के इनवेस्टर्स को यह समझना चाहिए कि अडानी ग्रुप मीडिया इंडस्ट्री में एंट्री कर रहा है। एनडीटीवी के अलावा इस ग्रुप ने ब्लूमबर्गक्विंट की पब्लिशर कंपनी में 49 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। इससे दोनों के बीच कुछ सिनर्जी हो सकती है। इसलिए जो निवेशक थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, वे इस शेयर को अपने पास बनाए रख सकते हैं।" तौरानी का भी मानना है कि एनडीटीवी के शेयरों में गिरावट दिख सकती है, क्योंकि इसकी मौजूदा वैल्यूएशन बहुत ज्यादा है।

एक दूसरा सवाल भी इनवेस्टर के मन में है। वे जानना चाहते हैं कि अडानी समूह ने ओपन ऑफर में एनडीटीवी के शेयरों के लिए प्रति शेयर 294 रुपये की कीमत तय की है। यह शुक्रवार को 366 रुपये के क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 20 फीसदी कम है। ज्यादातर इनवेस्टर्स का मानना है कि इस वजह से ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स ओपन ऑफर में अपने शेयर बेचना नहीं चाहेंगे।

ऊपर जानकारी देने वाले एनालिस्ट ने कहा कि अडानी ग्रुप को ओपन ऑफर में शेयर की कीमतें ज्यादा रखना चाहिए था। इससे यह ओपन ऑफर अट्रैक्टिव हो जाता। उन्होंने ओपन ऑफर के सफल रहने को लेकर भी आशंका जताई। खासकर तब जब इसके फाउंडर प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने इसका विरोध किया है।

प्रणव रॉय और राधिका रॉय की एनडीटीवी में 32.26 फीसदी हिस्सेदारी है। अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में हिस्सेदारी रखने वाले एक दूसरी कंपनी आरआरपीआर के इनडायरेक्टली 29.18 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। इसका मतलब है कि अडानी ग्रुप को 38.55 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डर्स से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी।

एक दूसरी ब्रोकिंग कंपनी के रिसर्च हेड ने कहा कि ओपन ऑफर में शेयर की कीमतें कम रखने का मतलब यह हो सकता है कि अडानी ग्रुप ने पहले ही दूसरे इनवेस्टर्स से इसके लिए डील कर ली होगी। इसलिए उसे ओपन ऑफर सफल रहने का भरोसा होगा।

एनडीटीवी के दूसरे बड़े निवेशकों में LTS Investment Fund Limited और Vikasa India EIF I Fund शामिल हैं। एलटीसी इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी 9.75 फीसदी है, जबकि विकासा इंडिया की हिस्सेदारी 4.42 फीसदी है। दोनों की मिलाकर एनडीटीवी में हिस्सेदारी 14.7 फीसदी है।

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