बेंगलुरु की टी कैफे चेन (Tea Cafe Chain) चाय प्वाइंट (Chai Point) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। यह आईपीओ अगले डेढ़ से दो साल में आ सकता है। चाय प्वाइंट के को-फाउंडर और सीईओ अमूलीक सिंह बिजराल ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि मुनाफा बढ़ाने के लिए कंपनी ने तकनीक में भारी निवेश किया है, यह ब्रूइंग मशीन बना रही है और अब इसकी योजना 18-24 महीने में आईपीओ लाने की है। चाय प्वाइंट अब तक Saama Capital और Eight Roads Ventures समेत अन्य निवेशकों से 5.5 करोड़ डॉलर जुटा चुकी है।
कंपनी की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई थी और इसके देश के 9 शहरों में 180 रिटेल आउटलेट्स हैं। रिटेल आउटलेट्स के अलावा चाय प्वाइंट कॉरपोरेट कंपनियों, थर्ड पार्टी रिटेल आउटलेट्स के साथ-साथ अलग से बाजारों और अपने आउटलेट्स के जरिए पैकेज्ड गुड्स की बिक्री करती है।
Chai Point बनेगा चाय का 'OYO'
पिछले कुछ वर्षों कंपनी अपना खुद का ब्रूइंग मशीन बना रही है और अब तक देश के देश के 19 शहरों में 5 हजार मशीनें लग चुकी हैं। ये मशीन बिजनेस-टू-बिजनेस-टू-कंज्यूमर के जरिए लगी हैं। कंपनी तेजी से अपना विस्तार कर रही है और यह थर्ड पार्टी आउटलेट्स को चाय प्वाइंट प्लेटफॉर्म के जरिए यह ब्रूइंग मशीन और इसके प्रोसेस को लीज पर देती है और अपना ब्रांड '‘My Chai Corner’ ऑफर करती है। इन सभी थर्ड पार्टी आउटलेट्स को 'माय चाय कॉर्नर' के ऐप के तहत लाया जाएगा। बिजराल का कहना है कि उनकी योजना चाय का ओयो (OYO of Chai) बनने की है। बिजरल के मुताबिक इससे वह क्वालिटी पर कंट्रोल रखते हुए अपना विस्तार कर रही है।
बड़ी-बड़ी कंपनियों में लगी है Chai Point का ब्रूइंग सिस्टम
ये ब्रूइंग सिस्टम ऑफिसों में सामान्य रूप से कॉफी मशीनों से इस मायने में अलग है कि ब्रूइंग सिस्टम में एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर है। इसमें ग्राहकों की पसंद के मुताबिक ऐप के जरिए चाय को कस्टमाइज किया जा सकता है और फिर आगे ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये मशीनें माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, वीएमवेयर और अमेजन जैसी बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों में भी लगी हैं। अभी चाय प्वाइंट का करीब 40 फीसदी कारोबार कॉरपोरेट से है और खुदरा से 57 फीसदी।