Market trend: अच्छे ग्लोबल संकेतों से बाजार की चार दिनों की नरमी पर ब्रेक लग गया है। निफ्टी करीब 130 अंकों की तेजी के साथ 25950 के करीब नजर आ रहा है। यह 20 DEMA के ऊपर आ गया है। साथ ही बैंकों में भी मजबूती है। बाजार को RIL, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस जैसे दिग्गजो से सपोर्ट मिल रहा है। मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी जोश है। उधर रुपए में भी मजबूती बढ़ी है।
आज फार्मा शेयरों में चौतरफा खरीदारी दिख रही है। फार्मा इंडेक्स एक परसेंट मजबूत हुआ है। पुणे में हॉस्पिटल खोलने की खबर के चलते मैक्स हेल्थ में तेजी है। शेयर निफ्टी के टॉप गेनर्स में शुमार है। साथ ही लॉरेस लैब्स, ग्लेनमार्क फार्मा और बायोकॉन में भी उछाल देखने को मिल रहा है। फार्मा के बाद रियल्टी और डिफेंस में ज्यादा रौनक है। दोनों इंडेक्स करीब एक परसेंट मजबूत हुए हैं।
साथ ही ऑटो, NBFCs, ऑयल एंड गैस शेयरों में भी जोश देखने को मिल रहा है। उधर वायर और केबल शेयर भी दौड़े हैं। पॉलिकैब और KEI वायदा के टॉप गेनर्स में शुमार हैं। लेकिन मेटल शेयरों में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।
आज इन अहम स्तरों पर रहे नजर
चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड की टेक्निकल और डेरिवेटिव एनालिस्ट अमृता शिंदे का कहना है कि निफ्टी के लिए 25,900–26,000 पर तत्काल रेजिस्टेंस है। जबकि, इसके लिए अहम सपोर्ट 25,700 और 25,600 पर दिख रहे हैं। जब तक निफ्टी 25,500 के लेवल से ऊपर रहता है, तब तक सख्त स्टॉप-लॉस डिसिप्लिन के साथ चुनिंदा बाय-ऑन-डिप्स का तरीका फायदेमंद रहेगा। मौजूदा वोलैटिलिटी और ग्लोबल अनिश्चितताओं को देखते हुए, ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे चुनिंदा शेयरों पर ही फोकस करें और बाय-ऑन-डिप्स की रणनीति अपनाएं। समझदारी से लेवरेज, टाइट ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस और धीरे-धीरे प्रॉफिट-बुकिंग की सलाह होगी। नई लॉन्ग पोजीशन पर तभी विचार करें जब 26,100 से ऊपर लगातार ब्रेकआउट हो। साथ ही ग्लोबल संकेतों और अहम टेक्निकल लेवल पर लगातार नज़र बनाए रखें।
सैमको सिक्योरिटीज में डेरिवेटिव रिसर्च एनालिस्ट धूपेश धमेजा का कहना है कि निफ्टी सही डायरेक्शन के लिए संघर्ष करता रहा, हर रिबाउंड की कोशिश को नई सप्लाई मिली, जिससे इंडेक्स एक सुस्त और उतार-चढ़ाव वाले दौर में फंसा हुआ है। बेंचमार्क ने अपनी लोअर-हाई सीक्वेंस को आगे बढ़ाया और 20-दिन और 50-दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज के बीच सीमित रहा, जो ऊपर की ओर मोमेंटम के कमजोर होने और लगातार अनिश्चितता का संकेत देता है। 25,750 के पास 50-DEMA एक निर्णायक पिवट के रूप में उभरा है, जो बार-बार गिरावट पर सहारा दे रहा है लेकिन एक टिकाऊ रिकवरी शुरू करने में विफल रहा है।
टेक्निकली, इंडेक्स एक कंसोलिडेशन बैंड में फंसा हुआ है, जिसमें सेलर्स 26,100–26,200 के रेजिस्टेंस ज़ोन को मज़बूती से डिफेंड कर रहे हैं, जबकि 25,800–25,700 का एरिया शॉर्ट-टर्म डिमांड पॉकेट के तौर पर काम कर रहा है। मोमेंटम इंडिकेटर्स के न्यूट्रल रहने से, यह सेटअप टाइम-वाइज़ कंसोलिडेशन की ओर इशारा कर रहा है, जहां जब तक कोई साफ़ डायरेक्शनल ट्रिगर नहीं मिलता, तब तक रैलियों को रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।
जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के जय मेहता का कहना है कि पिछले 8-10 सेशन से निफ्टी रेंज-बाउंड रहा है। ये साफ तौर पर 26,150 और 25,680 के बीच उतार-चढ़ाव कर रहा है। इसे 50-दिन के EMA से मज़बूत सपोर्ट मिल रहा है। पिछले आठ सेशन में, इसने 50 EMA को पांच बार टेस्ट किया है और वहां से ऊपर गया है, जो इसकी डिफेंसिव मज़बूती को दिखाता है। बेयरिश मोमेंटम शुरू होने के लिए 25,680 से नीचे एक साफ ब्रेकडाउन ज़रूरी है। इसके बिना, शॉर्ट टर्म में साइडवेज़ से थोड़ा बुलिश कंसोलिडेशन होने की संभावना है।
मोमेंटम डाइवर्जेंस, राइजिंग वेज ब्रेकडाउन और पीक लेवल पर बेयरिश वीकली कैंडल के कारण गिरावट के जोखिम बने हुए हैं। कुल मिलाकर पोजीशनिंग से पता चलता है कि एक बार जब रेंज किसी भी दिशा में तय हो जाएगी, तो 300-400 अंकों का स्विंग आने की संभावना है।
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