दिसंबर 2025 तक निफ्टी फिर से हासिल कर सकता है 26000 का स्तर, बैंक,टेलीकॉम और हेल्थकेयर शेयरों में बनेगा पैसा-सिटी रिसर्च

Citi Research : सिटी रिसर्च का मानना ​​है कि बैंक,टेलीकॉम और हेल्थकेयर शेयरों में आगे अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है। जबकि कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी,आईटी और मेटल शेयरों पर दबाव देखने को मिल सकता है

अपडेटेड Feb 18, 2025 पर 11:06 AM
Story continues below Advertisement
ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि सरकारी खर्च में तेजी आ रही है और वित्त वर्ष 2026 में फिस्कल कंसोलीडेशन वित्त वर्ष 2025 की तुलना में कम रहने की उम्मीद है

Citi Research on marke : बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी सितंबर 2024 में दर्ज अपने ऑलटाइम हाई से लगभग 13 फीसदी टूट चुका है। हालांकि,अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज सिटी रिसर्च का मानना ​​है कि दिसंबर 2025 तक यह फ्रंटलाइन इंडेक्स 26,000 के स्तर पर पहुंच जाएगा, यानि दिसंबर तक इसमें मौजूदा स्तरों से 13 फीसदी की तेजी का संकेत है। सिटी का मानना कि बाजार में इस समय हेल्दी करेक्शन देखने को मिल रहा। इस करेक्शन के चलते लार्ज-कैप काउंटरों का वैल्यूएशन बेहतर हो गया है। इसके अलावा, सिटी रिसर्च का यह भी कहना है कि इनकम टैक्स और रेपो दर में कटौती के साथ ही महंगाई में गिरावट से खपत को बढ़ावा मिलेगा। सार्वजनिक पूंजीगत व्यय भी दिसंबर 2024 से लगातार बढ़ रहा है, यह भी बाजार के लिए एक अच्छा संकेत है।

सिटी रिसर्च ने एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति सुजुकी, एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी लाइफ, टोरेंट फार्मा और मेकमाईट्रिप पर अपनी 'buy' रेटिंग दोहराई है। अलग सेक्टरों की बात करें तो सिटी रिसर्च टेलीकॉम और हेल्थकेयर पर ओवरवेट है। दूसरी तरफ यह आईटी, मेटल और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी काउंटर्स पर अंडरवेट है।

सिटी के निवेश रणनीतिकार सुरेंद्र गोयल ने पिछले महीने की शुरुआत में एक नोट में कहा था कि लिस्टेड कंपनियों के विविधता भरे बाजार को देखते हुए भारत का ईपीएस ग्रोथ आउटलुक मजबूत और अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला नजर आ रहा है। हालांकि,सिटी निजी कंपनियों के निवेश के माहौल में किसी भी सुधार को लेकर सतर्क है,जिसके बारे में उसका कहना है कि 'यह अस्पष्ट बना रह सकता है।


Currency Check : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर 87 के स्तर को पार करने के कगार पर

ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि सरकारी खर्च में तेजी आ रही है और वित्त वर्ष 2026 में फिस्कल कंसोलीडेशन वित्त वर्ष 2025 की तुलना में कम रहने की उम्मीद है। इस बीच, RBI हाल की मंदी से निपटने को लिए सिस्टम में नकदी बढ़ाने को प्राथमिकता दे रहा है और रेग्युलेटरी परेशानियों को कम कर रहा है। खुदरा निवेशकों ने भी मजबूती दिखाई है जिससे बाजार में उछाल की संभावना मजबूत हुई है। हालांकि,संभावित नीतिगत गलतियां,अमेरिकी बाजार में गहराता करेक्शन और धीमी ग्लोबल ग्रोथ जैसे जोखिम बने हुए हैं। इन चिंताओ के बावजूद, बुनियादी बातों में सुधार ने निकट भविष्य में बाजार में बड़ी रिकवरी के लिए मंच तैयार कर लिया है।

 

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।