स्टॉक मार्केट में गिरावट ने फेस्टिवल सीजन के उत्साह पर पानी फेर दिया है। दुनियाभर के गिरने वाले स्टॉक मार्केट की लिस्ट में इंडियन मार्केट्स भी शामिल हो गए हैं। इस गिरावट की वजह जियोपॉलिटिकल टेंशन और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल है। 26 अक्टूबर को लगातार छठे सत्र Nifty और Sensex में गिरावट आई। 28 जून के बाद पहली बार निफ्टी 19,000 प्वाइंट्स से नीचे आ गया। 15 सितंबर को यह 20,222 के ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया था। इस गिरावट का असर कुछ स्टॉक्स पर ज्यादा दिखा है। इनमें पहला नाम Wipro का है। कंपनी के दूसरी तिमाही के नतीजे निराशाजनक रहे हैं। लगातार तीसरी तिमाही कंपनी के रेवेन्यू में गिरावट आई है।
आईटी स्टॉक्स पर ज्यादा दबाव
ज्यादा गिरने वाला दूसरा स्टॉक है Tech Mahindra। दूसरी तिमाही में कंपनी के प्रॉफिट में 61.6 फीसदी गिरावट आई है। इंडियन आईटी कंपनियों के शेयरों पर दबाव दिख रहा है। इसकी वजह यह है कि पश्चिमी देशों में हाई इंटरेस्ट रेट्स और कंज्यूमर सेंटिमेंट कमजोर होने की वजह से आईटी सर्विसेज पर क्लाइंट्स ने खर्च घटाए हैं। इस वजह से आईटी सर्विसेज की मांग घट गई है। अदाणी समूह की कुछ कंपनियों में भी लगातार दबाव बना हुआ है। इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी समूह के स्टॉक्स दबाव में रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक की चमक फीकी पड़ी
इस साल HDFC Bank में एचडीएफसी के विलय की प्रक्रिया पूरी हो गई। इस दिग्गज बैंक के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। एनालिस्ट्स का कहना है कि एचडीएफसी के विलय का असर एचडीएफसी बैंक की वित्तीय सेहत पर पड़ा है। सबसे बड़ा असर इस बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर पड़ा है। तिमाही दर तिमाही आधार पर बैंक के एनआईएम में 70 बेसिस प्वाइंट्स की गिरावट आई है। यह 3.4 फीसदी पर आ गया है। HDFC Bank का एनआईएम आम तौर पर 4 फीसदी के करीब रहा है।
पीएसयू स्टॉक्स ने दिखाया दम
उधर, सरकारी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। निफ्टी में आई 1,000 प्वाइंट्स की गिरावट के दौरान पीएसयू स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है। Coal India का स्टॉक 18 अक्टूबर को 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया। ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने कोल इंडिया के स्टॉक का बेहतर प्रदर्शन जारी रहने की उम्मीद जताई है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सितंबर से इस स्टॉक में 25 फीसदी की तेजी के बावजूद अभी इसमें एक साल के अंदर और 35 फीसदी का उछाल आ सकता है। कंपनी ने इनवेस्टर्स को अच्छा डिविडेंड भी दिया है। इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कंपनी प्रति शेयर 30 रुपये और अगले फाइनेंशियल ईयर में 25 रुपये का डिविडेंड दे सकती है।
एफएमसीजी स्टॉक्स पर भी दबाव
निफ्टी में हालिया गिरावट का काफी असर Nestle India, HUL और Britannia के स्टॉक्स पर पड़ा है। इससे एफएमसीजी स्टॉक्स के डिफेंसिव होने की धारणा पर चोट लगी है। हालांकि, कई ब्रोकरेज फर्मों ने नेस्ले इंडिया के शेयरों का टारगेट प्राइस बढ़ाया है। इसकी वजह यह है कि लगातार तीसरी तिमाही कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। इस दौरान ऑटो कंपनियों के स्टॉक्स का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। अगर सेक्टर के लिहाज से देखा जाए तो IT, Metal और मीडिया का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। सिर्फ एक इंडेक्स हरे निशान में रहा है। वह Nifty CPSE है।
मिडकैप-स्मॉलकैप स्टॉक्स की ज्यादा पिटाई
लंबे समय तक शानदार प्रदर्शन करने वाले मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की इस गिरावट में सबसे ज्यादा पिटाई हुई है। एनालिस्ट्स मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में निवेश से बचने की सलाह दे रहे हैं। जब कभी बाजार में बड़ी गिरावट आती है, उसका ज्यादा असर मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर दिखता है। इस बार भी यही स्थिति है। हालांकि, जिन निवेशकों ने इन शेयरों में मुनाफा बुक कर लिया है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। मिडकैप और स्मॉलकै सूचकांकों ने हालिया तेजी में निफ्टी से काफी ज्यााद रिटर्न दिया था।